अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने बुधवार को 'अनुमान लगाया' कि भारत में मतदान के लिए 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च करके पिछली सरकार ने वहां किसी और को चुनने की कोशिश की थी। ट्रम्प ने कहा कि उनकी सरकार इस बारे में नई दिल्ली को 'बताने' के लिए तैयार है। ट्रम्प ने बुधवार रात मियामी, फ्लोरिडा में एक कार्यक्रम में यह बात कही।
ट्रम्प ने कहा कि हमें भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च करने की क्या ज़रूरत है? मुझे लगता है कि वे किसी और को निर्वाचित कराने की कोशिश कर रहे थे। यह पहली बार है जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने बड़े पैमाने पर फंडिंग के जरिए भारत में सत्ता परिवर्तन की कोशिश का संकेत दिया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमें भारत सरकार को बताना चाहिए क्योंकि जब हम सुनते हैं कि रूस ने हमारे देश में लगभग यूएसडी2 (sic) खर्च किए हैं, तो यह एक बड़ी बात थी, है न? उन्होंने यूएसडी2,000 में कुछ इंटरनेट विज्ञापन लिए। ट्रम्प ने कहा कि यह भारत के चुनावों के लिए कुल मिलाकर 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर है।
राष्ट्रपति सोशल मीडिया पर विज्ञापन अभियानों को वित्त पोषित करके 2016 के आम चुनावों में रूसी हस्तक्षेप के आरोपों का जिक्र कर रहे थे। ट्रम्प चुनाव जीत गये थे। उन्होंने कहा कि उस थोड़े से पैसे की तुलना में भारत में मतदाताओं के मतदान के लिए USAID द्वारा फंडिंग एक बड़ी बात है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी 13 फरवरी को व्हाइट हाउस में बैठक हुई थी। हालांकि ट्रम्प ने यह नहीं बताया कि उन्होंने या उनके अधिकारियों ने यह जानकारी मेहमान नेता के साथ साझा की है या नहीं।
भारत में मतदान के उद्देश्य से USAID की फंडिंग के बारे में जानकारी सबसे पहले टेस्ला के मालिक इलॉन मस्क द्वारा सार्वजनिक की गई थी। मस्क नव निर्मित सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) का नेतृत्व कर रहे हैं। मस्क ने तीन बच्चों और पत्नी के साथ 13 फरवरी को ब्लेयर हाउस में मोदी से मुलाकात की थी।
अपनी टिप्पणी में ट्रम्प ने कहा कि USAID ने बांग्लादेश में राजनीतिक परिदृश्य को मजबूत करने के लिए 29 मिलियन अमेरिकी डॉलर, वित्तीय संघवाद के लिए 20 मिलियन अमेरिकी डॉलर और नेपाल में जैव विविधता रूपांतरण के लिए 19 मिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च किए।
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