Velmeni सिलिकॉन वैली में स्थित एक डेंटल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी हैं। ये अपने इनोवेटिव 2डी व सीबीसीटी रेडियोग्राफ और अन्य एआई मॉडल्स के जरिए दांतों के डॉक्टरों की मदद करके खूब नाम कमा रही है।
कंपनी की सीईओ और सह-संस्थापक मिनी सूरी ने हाल ही में कैलिफोर्निया के सांता क्लारा में आयोजित TiECon 2024 सालाना सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने बताया कि किस तरह इस क्रांतिकारी आइडिया को जमीन पर उतारा गया था।
मिनी सूरी ने उद्यमियों के सम्मेलन में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मैं सिटीग्रुप के लिए काम करती थी। मैं बहुत खुश थी। 2015 तक ऐसा ही चला। लेकिन फिर मुझे लगा कि कुछ और बड़ा करना चाहिए। तब मैं 2016 में एमबीए करने एमआईटी स्लोन गई। मेरी माँ ने मुझे बताया कि पिताजी को फोर्थ फेज का ब्रेन ट्यूमर है।
उन्होंने बताया कि ये सुनने के बाद मेरी जिंदगी बदल गई। तभी से मैंने एमबीए के साथ, अपने हेल्थ टेक सर्टिफिकेशन पर काम शुरू कर दिया था। मैंने हेल्थकेयर के लिए कई बिजनेस प्लान तैयार किए, लेकिन कोई भी परवान नहीं चढ़ पा रहा था। मिनी ने आगे बताया कि उसके बाद मैं सिटी वापस आ गई। वहां से मैंने उबर जॉइन किया और वहां ऑटोमेशन एआई के प्रमुख के तौर पर काम शुरू किया। फिर मैं एक और एआई कंपनी से जुड़ी, जो मुझे कोड एआई कंपनी के चीफ कस्टमर सक्सेस ऑफिसर के रूप में फ्लोरिडा के ऑरलैंडो ले गई।
मिनी सूरी ने आगे कहा कि मैंने दो साल तक ऑरलैंडो में काम किया। फिर एक मेरे एक दोस्त ने मुझसे पूछा कि क्या आप डेंटल साइंस में कुछ करना चाहती हैं क्योंकि कोविड-19 की वजह से दांतों के डॉक्टरों का बिजनेस चौपट हो गया है। मैंने इसके बारे में थोड़ा सोचा और इस कंपनी में शामिल हो गई क्योंकि 30 से 40 प्रतिशत लोगों को दांतों का इलाज नहीं मिल पा रहा था।
वेलमेनी की सीईओ ने टीआईई सिलिकॉन वैली की तरफ से महिलाओं के लिए कई कार्यक्रम शुरू करने पर खुशी जताई। कुछ प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकियों द्वारा 1992 में इस ग्रुप की स्थापना का मकसद उद्यमियों को कुछ सफल टेक प्रोडक्ट्स बनाने में मदद करना और 1,000 अरब डॉलर से अधिक की संपत्ति अर्जित करना था।
टीआईई सिलिकॉन वैली की भारतीय-अमेरिकी प्रेसिडेंट अनीता मनवानी, जो कि ग्रुप के 32 साल के इतिहास में पहली महिला प्रमुख भी हैं, ने हाल ही में बताया था कि किस तरह ग्रुप ने अब समावेशिता पर ध्यान देते हुए विविधीकरण के नए रास्ते पर चलना शुरू किया है। उनका कहना था कि अब यह केवल इंडस कॉन्फ्रेंस नहीं रह गई है। इसकी महिला उद्यमियों में कई वीसी, स्पीकर, सीईओ और एआई कंपनियों की संस्थापक भी शामिल हैं।
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