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अमेरिका में भारतीय नागरिक योगेश पंचोली को इसलिए अदालत ने सुनाई 9 साल की सजा

योगेश के. पंचोली हेल्थकेयर कंपनी श्रिंग होम केयर INC का संचालन करते थे। बिलिंग मेडिकेयर से बाहर होने के बावजूद उसने फर्जी नामों, हस्ताक्षरों और पहचान छिपाकर अपने सहयोगियों के साथ मिलकर करीब 28 लाख डॉलर का मेडिकेयर से भुगतान हासिल किया, जबकि इन बिलों के एवज में सेवाएं कभी भी नहीं दी गईं।

मिशिगन के पूर्वी जिले की फेडरल ज्यूरी ने योगेश पंचोली को दोषी ठहराया था। / @rafia_tasleem

अमेरिका के मिशिगन में एक भारतीय नागरिक को 28 लाख डॉलर की धोखाधड़ी के मामले में नौ साल की जेल की सजा सुनाई गई है। भारतीय नागरिक पर आरोप है कि उसने मेडिकल केयर में धांधली की। धोखाधड़ी के पैसों को मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए भारत स्थित अपने विभिन्न बैंक खातों में भेज दिया। मिशिगन के निवासी योगेश के. पंचोली श्रिंग होम केयर Inc नाम से एक हेल्थ कंपनी का संचालन करते थे, जिसका मालिकाना हक भी उन्हीं के पास ही था। मिशिगन के पूर्वी जिले की फेडरल ज्यूरी ने योगेश पंचोली को धोखाधड़ी करने और साजिश रचने के आरोप में दोषी ठहराया था।

मुकदमे में पेश किए गए अदालती दस्तावेजों और सबूतों के अनुसार नॉर्थविले, मिशिगन के रहने वाले योगेश के. पंचोली (43) मिशिगन के लिवोनिया स्थित हेल्थकेयर कंपनी श्रिंग होम केयर INC का संचालन करते थे। बिलिंग मेडिकेयर से बाहर होने के बावजूद उसने फर्जी नामों, हस्ताक्षरों और पहचान छिपाकर अपने सहयोगियों के साथ मिलकर करीब 28 लाख डॉलर का मेडिकेयर से भुगतान हासिल किया, जबकि इन बिलों के एवज में सेवाएं कभी भी नहीं दी गईं। इसके बाद पंचोली ने इस पैसे को मनी लॉन्ड्रि्ंग के जरिए अपने भारत स्थित विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया।

पंचोली ने अपने खिलाफ मुकदमा शुरू होने से एक दिन पहले विभिन्न संघीय जांच एजेंसियों को फर्जी ईमेल भी भेजे। इसमें लिखा कि सरकारी गवाह ने कई अपराध किए हैं तो उसे अमेरिका में रहने की इजाजत नहीं है। योगेश ने गवाही ना होने के लिए यह चाल चली। हालांकि जांच में वह पकड़ा गया।

सितंबर 2023 में मिशिगन के पूर्वी जिले में एक संघीय जूरी ने पंचोली को धोखाधड़ी करने की साजिश, हेल्थकेयर धोखाधड़ी के दो महत्वपूर्ण मामलों, मनी लॉन्ड्रिंग के दो मामलों और गवाहों से छेड़छाड़ का दोषी ठहराया।

न्याय विभाग के आपराधिक प्रभाग के कार्यवाहक सहायक अटॉर्नी जनरल निकोल एम. अर्जेंटिएरी, एफबीआई डेट्रायट फील्ड ऑफिस के स्पेशल एजेंट इन चार्ज चेवोरिया 'शीया' गिब्सन, स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग के विशेष एजेंट प्रभारी मारियो पिंटो ने इसकी घोषणा की। एफबीआई डेट्रायट फील्ड ऑफिस और एचएचएस-ओआईजी ने मामले की जांच की। ट्रायल अटॉर्नी शंकर राममूर्ति और क्रिमिनल डिवीजन के फ्रॉड सेक्शन के एंड्रेस अलमेंडेरेज ने मामले को लेकर मुकदमा चलाया।

 

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