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अमेरिका में हिंदू मंदिरों के पुरोहित पुरस्कारों के लिए HMPC ने आवेदन आमंत्रित किए

मॉरिसविले में 27 सितंबर से होने वाली हिंदू मंदिर प्रीस्ट कॉन्फ्रेंस के दौरान "अर्चक भूषण" और "अर्चक श्री" पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। इस साल से एक नया पुरस्कार भी शुरू किया जा रहा है।

17वीं HMEC कॉन्फ्रेंस और 11वीं HMPC का आयोजन 27 से 29 सितंबर 2024 तक होगा। / Image : https://hmec.info/

उत्तरी अमेरिका की हिंदू मंदिर एंपावरमेंट काउंसिल (HMEC) ने सितंबर में होने वाली हिंदू मंदिर प्रीस्ट कॉन्फ्रेंस (HMPC)के दौरान प्रदान किए जाने वाले पुरोहित पुरस्कारों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। 

17वीं HMEC कॉन्फ्रेंस और 11वीं HMPC का आयोजन 27 से 29 सितंबर 2024 तक मॉरिसविले के हिंदू सोसायटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना में किया जाना है। इस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिका के मंदिरों में पूजन-अर्चन करने वाले पुरोहितों को तीन प्रमुख पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे। 

"अर्चक भूषण" पुरस्कार ऐसे पुरोहित को प्रदान किया जाएगा, जो उत्तरी अमेरिका के किसी प्रमुख हिंदू मंदिर में कम से कम 25 वर्षों से सेवा कर रहे हों। "अर्चक श्री" पुरस्कार उत्तरी अमेरिका के किसी प्रतिष्ठित मंदिर में 10 से लेकर 25 साल तक सेवा करने वाले पुरोहित को प्रदान किया जाएगा। 

इस साल से एक नया पुरस्कार भी शुरू किया जा रहा है। इसका नाम "हिंदू धर्म परिपालक" होगा। यह ऐसे पंडित या पुरोहित को प्रदान किया जाएगा, जिसने हिंदू समुदाय की धार्मिक सेवा की है। जारी बयान में बताया गया कि पुरस्कारों के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा। नॉमिनेशन फॉर्म इस लिंक पर जाकर भरा जा सकता है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 7 सितंबर 2024 है। 

इन पुरस्कारों के लिए ऐसे पंडित या पुरोहितों के आवेदनों पर विचार किया जाएगा, जो किसी प्रतिष्ठित मंदिर में सेवाएं दे रहे हों या फिर सम्मानपूर्वक रिटायर हुए हों। इस पुरस्कार के लिए विचार करने हेतु मंदिर प्रशासन का रेफरेंस होना आवश्यक होगा। विजेताओं को ये पुरस्कार लेने के लिए खुद आयोजन स्थल पर उपस्थित रहना होगा। 

बताया गया कि एचएमपीसी का उद्देश्य सनातन धर्म को बनाए रखना और उन्नति में सहयोग करना है। यह सम्मेलन में पुजारियों, मंदिर प्रबंधन और भक्तों से संबंधित सभी मुद्दों पर महत्वपूर्ण संवाद का मंच प्रदान करेगा। सम्मेलन के दौरान उन पुजारियों को सम्मानित करने की परंपरा को जारी रखा जाएगा जिन्होंने उत्तरी अमेरिका में हिंदू समुदाय के लिए महत्वपूर्ण और निरंतर योगदान दिया है।
 

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