हिंदू काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया ने उत्पादकता आयोग से कहा है कि धार्मिक स्कूलों के निर्माण के लिए किए गए दान को टैक्स रिबेट को हटाया नहीं जाना चाहिए। हिंदू काउंसिल बेटर बैलेंस्ड फ्यूचर का सदस्य है, जिसने काउंसिल की डिमांड का पूरी तरह से समर्थन किया। बेटर बैलेंस्ड फ्यूचर्स विशेष धार्मिक शिक्षा (एसआरई) के प्रावधान और पहुंच के बारे में परिवारों, माता-पिता, समुदायों के साथ जुड़ने और शिक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध संस्था है।
हिंदू काउंसिल ने अपने निवेदन में दलील दी है कि संघीय सरकार द्वारा उत्पादकता आयोग की स्थापना की गई थी जिससे यह जाना जा सके कि 2030 तक परोपकारी दान को कैसे दोगुना किया जाए। ऐसे में टैक्स रिबेट को हटाना न्यायसंगत नहीं है।
आयोग ने डीजीआर ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार की है। एक चैरिटी की डीजीआर स्टेटस अपने डोनर्स को दान की राशि के लिए टैक्स कटौती का क्लेम करने की अनुमति देती है। अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट में उत्पादकता आयोग (pc.gov.au) में आयोग ने स्कूल बिल्डिंग फंड के लिए डीजीआर (दान की कर कटौती) को हटाने की सिफारिश की है।
बेटर बैलेंस्ड फ्यूचर्स के सीईओ मुरे नॉर्मन ने अपने निवेदन में कहा कि, उन्होंने कहा, 'हिंदू समुदाय ने स्कूलों के निर्माण के लिए कई अन्य धार्मिक समूहों को डीजीआर का दर्जा प्राप्त होते देखा है। ऐसे में टैक्स रिबेट में यह कटौती हिंदू समुदाय के साथ उचित व्यवहार नहीं है। ऐसा करना राजनीतिक रूप से एक सही नहीं है, क्योंकि भारत के साथ संबंधों पर सरकार का पूरा फोकस है।
हिंदू काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया के नेशनल वाइस प्रेसिडेंट और बेटर बैलेंस्ड फ्यूचर्स के सह-अध्यक्ष सुरिंदर जैन का कहना है कि एसआरई और धार्मिक स्कूलों के लिए डीजीआर स्थिति में प्रस्तावित परिवर्तन, ऑस्ट्रेलिया में हिंदू और हिंदू काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया, इस बात पर अपनी निराशा व्यक्त करता है कि एसआरई के रूप में धार्मिक शिक्षा को आगे बढ़ाने और फेथ स्कूलों के लिए किए गए दान की डीजीआर स्थिति को बंद कर दिया जाए।
उन्होंने कहा कि अन्य प्रमुख मजहबों के विपरीत हिंदुओं के लिए हिंदू स्कूल नहीं हैं। जैसे-जैसे हिंदू आबादी बढ़ रही है, हिंदू स्कूल शुरू करने और हिंदू एसआरई के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित करने और नियुक्त करने के लिए धन जुटाने की योजना है। दान के लिए डीजीआर का दर्जा अतीत में हर धर्म को दिया गया है और अधिकांश ने अपने स्कूलों के निर्माण के लिए इसका इस्तेमाल किया है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि हिंदुओं की बारी आने पर डीजीआर सपोर्ट के द्वार बंद नहीं होंगे।
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