सैन फ्रांसिस्को में एक इजरायली-अमेरिकी बैले शिक्षक येहुदा माओर ने अपनी 20 साल की नौकरी खो दी। बैले उनके जीवन का सार था। निराश होकर उन्होंने नृत्य से जुड़े रहने के लिए विकल्पों की तलाश की। फिल्म 'कॉल मी ए डांसर' के मुताबिक वह केवल भारत ही था जो 75 वर्षीय नृत्य शिक्षक को कोई 'जगह' दे सकता था।
डॉक्यूमेंट्री हमें माओर और उनके छात्र, मुंबई के एक पुरुष स्ट्रीट डांसर मनीष चौहान के साथ एक यात्रा पर ले जाती है। गुरु और शिष्य का नृत्य के प्रति जुनून, नर्तक की अथक मेहनत, कला का एक संरक्षक जो वित्तीय सहायता के साथ कदम बढ़ाता है और एक सहकर्मी जो हमेशा एक कदम आगे रहता है, एक आकर्षक कहानी बनाता है।
येहुदा माओर की सैन फ्रांसिस्को से मुंबई तक की यात्रा
कॉल मी डांसर 10 नवंबर 2024 को सिलिकॉन वैली यहूदी फिल्म महोत्सव 2024 में प्रदर्शित होने वाली है। इस समय यह भारत में दिखाई की जा रही है। इसने 2024 में सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए मियामी ज्यूइश फिल्म फेस्टिवल नेक्स्ट वेव पुरस्कार और 2023 में सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए सैन फ्रांसिस्को डांस फिल्म फेस्टिवल ऑडियंस अवार्ड जीता है। यह वीडियो ऑन डिमांड पर उपलब्ध है।
येहुदा माओर मुंबई पहुंचते हैं। उनको गर्मी से नफरत थी। वह असुरक्षित महसूस करते थे। सड़क पार करना उनके लिए एक दुःस्वप्न था। वह बताते हैं कि सड़क पार करने के लिए मैं तीन बच्चों के साथ जाने वाली किसी महिला पीछा करता था।
मुंबई के डांस स्कूल, डांसवर्क्स, जहां वह बैले सिखाते हैं, वहां एक स्ट्रीट डांसर मनीष चौहान आया। मनीष ने कभी बैले नहीं देखा था। उसकी आंखों में आश्चर्य ने माओर को सात साल की उम्र में पहली बार स्वान लेक बैले देखने की याद दिला दी। इसके जादू ने ही उनकी जिंदगी बदल दी थी।
माओर बताते हैं कि मनीष की आंखें तब खुलीं जब वह मेरी क्लास में शामिल हुआ। जितना अधिक मैंने उसे प्रशिक्षित किया वह उतना ही अधिक चाहता था। चौहान ने तेजी से सुधार किया लेकिन यह बहुत कठिन काम था। एक अन्य पुरुष छात्र अमीरुद्दीन शाह, जो बहुत कम उम्र में कक्षा में शामिल हुआ था, स्वाभाविक रूप से प्रतिभाशाली था। माओर ने दोनों लड़कों को प्रशिक्षित किया। उन्हें लड़कों से सर्वश्रेष्ठ प्राप्त करने के लिए उनके बीच प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता थी। येहुदा को इन दो लड़कों के साथ जीवन की दूसरी सांस मिली। जैसे जीने का सबब मिल गया था।
स्टारबक्स फ्रैप्पुकिनो कड़ी मेहनत का इनाम था और लड़के इसका इंतजार कर रहे थे। तीन साल में उन्होंने वह हासिल किया जो लोग नौ साल में हासिल करते हैं। चौहान ने कहा कि लोगों ने मुझे एक कलाबाज के रूप में देखा लेकिन येहुदा ने मुझे एक नर्तक के रूप में देखा। मैं कलाबाज नहीं बनना चाहता। कॉल मी डांसर। फिल्म निर्माता लेस्ली शैम्पेन और पिप गिल्मर ने फिल्म के निर्माण में पांच साल तक चौहान का अनुसरण किया था।
शैम्पेन ने बताया कि जब मैं सात साल की थी तब मैंने येहुदा को इजराइल में प्रदर्शन करते देखा था। बाद में न्यूयॉर्क में वह मेरे बैले शिक्षक थे। मैं भी एक नर्तक हूं और 13 वर्षों से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहा हूं। मैं नृत्य की दुनिया को समझती हूं। लेस्ली शैंपेन कला शिक्षा पर शोध करने के लिए फुलब्राइट छात्रवृत्ति पर भारत में हैं। चौहान 10 नवंबर 2024 को सिलिकॉन वैली यहूदी फिल्म महोत्सव 2024 में व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहेंगे। शैम्पेन को उम्मीद है कि वह भी उसी समय वहां मौजूद रह सकती हैं।
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