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मैरीलैंड यूनिवर्सिटी के प्रो. अविक दत्त को NSF का CAREER अवॉर्ड, क्वांटम इंजीनियरिंग में कर रहे कमाल

एनएसएफ का CAREER अवार्ड हाल ही में कैरियर शुरू करने वाले फैकल्टी मेंबर्स को दी जाने वाली फाउंडेशन की सबसे प्रतिष्ठित मान्यता है।

अविक दत्त ने आईआईटी खड़गपुर से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इलेक्ट्रिकल कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। / Image - University of Maryland

मैरीलैंड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अविक दत्त को नेशनल साइंस फाउंडेशन (एनएसएफ) की तरफ से करियर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। इसके तहत क्वांटम सिमुलेशन और सेंसिंग में दत्त के अभूतपूर्व शोध को फंडिंग प्रदान की जाएगी।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट और इंस्टिट्यूट ऑफ फिजिकल साइंस एंड टेक्नोलोजी में असिस्टेंट प्रोफेसर अविक दत्त फियरलेस ऑप्टिक्स, क्वांटम इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी (फ्लोक्यूएट) लैब से जुड़े हैं। वह स्केलेबल क्वांटम सिस्टम के विकास की एक बड़ी बाधा को दूर करने पर काम कर रहे हैं। 

क्वांटम सिस्टम को जटिल मटीरियल मॉडलिंग और बेहद सटीक सेंसिंग जैसे क्लासिक सिस्टम्स से बेहतर माना जाता है। लेकिन इसकी स्केलिंग काफी मुश्किल होती है क्योंकि इनका साइज बड़ा होता है और सिग्नल टूटने की दर अधिक होती है। 

इस साल की शुरुआत में अविक दत्त की टीम ने 'नेचर फिजिक्स' में प्रकाशित एक पेपर में दिखाया था कि सिंथेटिक डायमेंशंस को महत्वपूर्ण सिग्नल हानि की स्थिति में भी अच्छे तरीके से बढ़ाया जा सकता है। इससे 3डी, 4डी और 5डी इफेक्ट्स आदि को हासिल करना काफी आसान हो जाता है। 

एनएसएफ का CAREER अवार्ड हाल ही में कैरियर शुरू करने वाले फैकल्टी मेंबर्स को दी जाने वाली फाउंडेशन की सबसे प्रतिष्ठित मान्यता है। इसके तहत ऐसे लोगों को सम्मानित किया जाता है जो अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की अगुआई करने और अकादमिक रोल मॉडल की क्षमताएं प्रदर्शित करते हैं।

पुरस्कार के तहत अविक दत्त को क्वांटम वैज्ञानिकों खासकर महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए विकिपीडिया एडिटेथॉन के आयोजन का अवसर मिलेगा। इसके अलावा वह यूएमडी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स के लिए क्वांटम सिस्टम पर नया सिलेबस 
तैयार करके क्वांटम साइंस में पब्लिक एजुकेशन पर भी फोकस करेंगे।

अविक दत्त के बारे में बताएं तो उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इलेक्ट्रिकल कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। उसके बाद उन्होंने कॉर्नेल विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल एंड कंप्यूटर इंजीनियरिंग में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है।
 

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