ADVERTISEMENTs

नागरिक स्वतंत्रता, आर्थिक समानता... इस अमेरिकी संस्था ने मोदी सरकार से की ये मांगें

संगठन ने बयान में कहा कि पिछले चुनाव के मुकाबले भाजपा को सीटों का नुकसान, खासकर अयोध्या में हार का स्पष्ट संदेश है कि नरेंद्र मोदी और भाजपा की हिंदुत्ववादी विचारधारा और जातिगत राष्ट्रवादी बयानबाजी भारतीय नागरिकों को पसंद नहीं है।

हिंदूज़ फॉर ह्यूमन राइट्स (HfHR) मानवाधिकारों, सामाजिक न्याय एवं बहुलवाद को बढ़ावा देने के लिए समर्पित संगठन है। /

अमेरिकी संगठन हिंदूज़ फॉर ह्यूमन राइट्स (HfHR) ने भारत की आगामी सरकार से नागरिक स्वतंत्रता की रक्षा करने, आर्थिक समानता को बढ़ावा देने और हाशिए पर पड़े समुदायों की भलाई सुनिश्चित करने वाली नीतियों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है। यह बयान भारत में नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरी बार सत्ता संभालने की प्रक्रिया के बीच आया है।

मानवाधिकारों, सामाजिक न्याय एवं बहुलवाद को बढ़ावा देने के लिए समर्पित संगठन HfHR ने अपने बयान में लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने, मानवाधिकारों की रक्षा करने और एक ऐसे समाज को बढ़ावा देने पर जोर दिया, जहां सभी लोग अपने धार्मिक एवं जातीय आधार के बिना कामयाबी की मंजिलें हासिल कर सकें।

HfHR का कहना है कि वह भारतीय राजनीति को लेकर किसी तरह का पक्षपातपूर्ण रुख नहीं रखता है। हालांकि उसका मानना है कि सरकार की तरफ से राजनीतिक विरोध के बावजूद इंडिया अलायंस का अच्छा प्रदर्शन लोकतंत्र एवं बहुलवाद के प्रति भारतीय मतदाताओं की प्रतिबद्धता को उजागर करता है और समावेशी शासन का उदाहरण स्थापित करता है।

संगठन ने बयान में कहा कि भाजपा की पिछले चुनाव के मुकाबले सीटों का नुकसान, खासकर अयोध्या में हार स्पष्ट संदेश है कि नरेंद्र मोदी और भाजपा की हिंदुत्ववादी विचारधारा और जातिगत राष्ट्रवादी बयानबाजी भारतीय नागरिकों को पसंद नहीं है।

HfHR यूएसए की सीनियर पॉलिसी डायरेक्टर रिया चक्रवर्ती ने आरोप लगाते हुए कहा कि भारत का चुनाव लोकतंत्र की वैश्विक लड़ाई में एक अहम संदेश है। हमने देखा कि किस तरह लोगों को मतदान करने से रोकने या स्वतंत्र प्रेस से बातचीत करने से रोकने के प्रयास हुए थे, लेकिन जागरूक मतदाताओं ने ऐसी सभी बाधाओं को किनारे कर दिया। 

उन्होंने कहा कि हम प्रवासी इस बात पर गर्व कर सकते हैं कि भारत के लोगों ने इस्लामोफोबिया, जातिवाद और भ्रष्टाचार को नकार दिया है। हम भारतीय गणतंत्र को बचाने की भारतीयों की लड़ाई का समर्थन करते हैं। यह चुनाव परिणाम हमें याद दिलाता है कि हमें अपने मूल देश और विदेश में लोकतंत्र की स्थापना के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत है।

HfHR ने कहा कि समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता जैसे मूल्य, जो भारत की स्थापना के मूल आधार हैं, मौजूदा राजनीति में बेहद महत्वपूर्ण हैं। संस्था का आरोप है कि भारतीय लोकतंत्र पर अब भी खतरा मंडरा रहा है। पिछले कुछ समय में लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को जिस तरह नुकसान पहुंचाया गया है, उसे व्यवस्थित करने के लिए कड़ा संघर्ष करना होगा।
 

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

Related