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हिब्रू विश्वविद्यालय के एक दल ने की भारत यात्रा, आगे बढ़ेगे शैक्षणिक संबंध

इजराइल और भारत के बीच शैक्षणिक और विश्वविद्यालय स्तर पर शोध-अनुसंधान कार्यों को बढ़ावा देने के अलावा छात्रों और विश्वविद्यालयों के बीच फैकल्टी एक्सचेंज के साथ ही वर्कशॉप और सेमिनार के माध्यम से संवाद और सहयोग बढ़ाने के तमाम रास्तों पर इस यात्रा के दौरान चर्चा हुई।

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अंतरराष्ट्रीय मामलों के उपाध्यक्ष प्रो. ओरोन शग्रीर ने किया। / Image : X@Hebrew University

जरूसलम के हिब्रू विश्वविद्यालय के एक प्रतिष्ठित प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में भारत यात्रा की। यात्रा का उद्देश्य था भारतीय विश्वविद्यालयों के साथ शैक्षणिक संबंधों को मजबूत करना। इस यात्रा ने अनुसंधान सहयोग, छात्र और संकाय आदान-प्रदान तथा विभिन्न शैक्षणिक विषयों में ज्ञान और विशेषज्ञता को साझा करने के अवसरों की खोज की।

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अंतरराष्ट्रीय मामलों के उपाध्यक्ष प्रो. ओरोन शग्रीर ने किया। प्रतिनिधिमंडल में हिब्रू, जरूसलम विश्वविद्यालय के सम्मानित संकाय सदस्य और प्रशासक शामिल थे। इनमें HUJI इनोवेशन सेंटर, रसायन विज्ञान संस्थान और सेंटर फॉर नैनोसाइंस और नैनोटेक्नोलॉजी के अध्यक्ष प्रो. श्लोमो मैग्डासी, रॉबर्ट एच. स्मिथ कृषि, खाद्य और पर्यावरण संकाय के डीन प्रोफेसर शाऊल बर्डमैन और अंतरराष्ट्रीय मामलों के वाइस डीन, विज्ञान संकाय प्रोफेसर माइकल गोल्डबर्ग शामिल थे। 

परस्पर सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ाने के उद्देश्य से हिब्रू प्रतिनिधिनंडल ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (IIT-D), अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे (IIT-B), भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC), राष्ट्रीय जैविक विज्ञान केंद्र (NCBS) और भारतीय प्रबंधन संस्थान बेंगलुरु (IIM-B) सहित कई प्रमुख भारतीय विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। 

इजराइल और भारत के बीच शैक्षणिक और विश्वविद्यालय स्तर पर शोध-अनुसंधान कार्यों को बढ़ावा देने के अलावा छात्रों और विश्वविद्यालयों के बीच फैकल्टी एक्सचेंज के साथ ही वर्कशॉप और सेमिनार के माध्यम से संवाद और सहयोग बढ़ाने के तमाम रास्तों पर इस यात्रा के दौरान चर्चा हुई। कई ऐसे क्षेत्रों की पहचान की गई जहां साथ मिलकर आगे बढ़ा जा सकता है। 

भारत यात्रा को लेकर इजरायली प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले प्रो. शग्रीर ने कहा कि हम भारत के शीर्ष विश्वविद्यालयों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने और सहयोग के रास्ते तलाशने के अवसर को लेकर उत्साहित हैं। यह यात्रा अकादमिक संबंधों को बढ़ावा देने, सांस्कृतिक आदान-प्रदान को आगे बढ़ाने और वैश्विक ज्ञान पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान देने की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करती है। हमारा मानना ​​है कि एक साथ काम करके हम इज़राइल और भारत दोनों के छात्रों और संकाय के लिए सार्थक अवसर पैदा कर सकते हैं। 

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