अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जैसे ही चुनावी दौड़ से बाहर होने का ऐलान किया उसके कुछ ही घंटों में प्रमुख भारतीय-अमेरिकी व्यवसायी विनोद खोसला और अरबपति एलन मस्क अमेरिकी के अगले राष्ट्रपति को लेकर सार्वजनिक रूप से जुबानी जंग में उलझ गए। मगर X पर।
जैसे ही खोसला ने डेमोक्रेट्स के लिए 'अधिक उदारवादी' उम्मीदवार का चयन करने के लिए 'खुले सम्मेलन' की मांग की मस्क ने जवाब में खोसला से रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रम्प और उनके साथी जेडी वेंस को अपना समर्थन देने की बात कह डाली। बस फिर क्या था दोनों के बीच ट्रम्प को लेकर X पर (पूर्व में ट्विटर) बहस छिड़ गई।
इसकी प्रतिक्रिया में खोसला ने बताया कि वह कभी भी रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प का समर्थन क्यों नहीं करेंगे। बकौल खौसला ट्रम्प झूठ बोलते हैं, धोखा देते हैं, महिलाओं का अपमान करते हैं और अप्रवासियों से नफरत करते हैं।
खोसला ने कहा कि वह मेरे करों में कटौती कर सकते हैं या कुछ नियमों में कमी कर सकते हैं लेकिन यह उनके व्यक्तिगत मूल्यों में गिरावट को स्वीकार करने का कोई कारण नहीं है। खोसला ने सवाल किया- क्या आप ऐसा राष्ट्रपति चाहते हैं जो अपने पहले वर्ष में जलवायु को एक दशक पीछे ले जाएगा? क्या आप मूल्यों के रूप में अपने बच्चों के लिए उनका उदाहरण चाहते हैं?
मस्क ने यह स्वीकार करते हुए जवाब दिया कि पूर्व राष्ट्रपति में खामियां हैं लेकिन उनकी सरकार योग्यता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को बरकरार रखेगी। मस्क ने यह भी दावा किया कि ट्रम्प खोसला को नापसंद नहीं करते भले ही वे डेमोक्रेटिक डोनर के रूप में जाने जाते हैं। मस्क ने कहा- उनसे मिलें और खुद पता लगाएं। मैं यह नहीं कहता कि ट्रम्प में कोई खामी नहीं हैं लेकिन हमें एक ऐसे प्रशासन की जरूरत है जो योग्यता आधारित हो और सरकार के भारी दबाव के मुकाबले व्यक्तिगत स्वतंत्रता को बढ़ावा दे।
दोनों के बीच नाटो को लेकर भी नोकझोंक और सवालों का सिलसिला चलता रहा। मस्क ने कहा कि अमेरिका यूरोपीय सेनाओं पर खर्चा क्यों करे जबकि वे देश वहन कर सकते हैं? इस ट्वीट का खोसला ने उत्तर नहीं दिया।
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