हार्वर्ड में 17-18 फरवरी को होने वाले भारत सम्मेलन के 21वें संस्करण में वैश्विक नेता के रूप में भारत के उद्भव और इसके मूल्यांकन पर चर्चा की जाएगी। विश्वविद्यालय के स्नातक छात्रों द्वारा डिजाइन और तैयार किये गये दो दिवसीय कार्यक्रम में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल और हार्वर्ड कैनेडी स्कूल में 50 से अधिक वक्ताओं को सुनने के लिए 1000 से अधिक लोगों की उपस्थिति की उम्मीद है।
संवाद की विरासत
अपने 21वें वर्ष के उपलक्ष्य में यह सम्मेलन भारत पर वैश्विक चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मामूली शुरुआत से विकास की विरासत को प्रतिबिंबित करेगा। पिछले दो दशकों में कई हस्तियों ने इस सम्मेलन के प्रभाव और भारत की उभरती यात्रा पर अंतर्दृष्टि और चर्चाओं को आकार देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जैसे प्रतिष्ठित नेताओं और बुद्धिजीवियों की मेजबानी करने के बाद यह सम्मेलन एक सार्थक बौद्धिक संवाद को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारत का उदय: एक साहसिक भविष्य की कल्पना
2024 सम्मेलन की थीम है- इंडिया राइजिंग। इस थीम में ही एक वैश्विक शक्ति के रूप में भारत की पुनर्स्थापना झलकती है। विश्व मंच पर भारत की तेजी से बढ़ती हैसियत को रेखांकित करने की पृष्ठभूमि के रूप में यह कार्यक्रम नीति निर्माताओं, व्यापारिक नेताओं, सांस्कृतिक प्रतीक चिन्हों और अकादमिक विशेषज्ञों सहित विभिन्न प्रकार की पहलों को एक साथ लाएगा।
वक्ताओं पर स्पॉटलाइट
इस वर्ष के सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों की प्रभावशाली हस्तियों को सुनना दिलचस्प रहेगा। एडलवेइस एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड की सीईओ राधिका गुप्ता, विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री इंदरमीत गिल, वेदांता रिसोर्सेज के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, पनेरा ब्रेड के सीईओ निरेन चौधरी और इंडिया टुडे के सीईओ अरुण पुरी कुछ प्रमुख वक्ता रहने वाले हैं। सम्मेलन में होने वाले संवाद और चर्चाएं न केवल भारत की उपलब्धियों और चुनौतियों को प्रतिबिंबित करेंगी बल्कि देश के आशाजनक भविष्य के पथ पर भी प्रकाश डालेंगी।
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