जनरल फिजिशयन से पशु अधिकार कार्यकर्ता बने डॉ. हर्ष आत्माकुरी 27 मार्च से 4 मई तक विभिन्न उत्तरी अमेरिकी विश्वविद्यालयों के एक महत्वपूर्ण दौरे पर जाने वाले हैं। एलाइड स्कॉलर्स फॉर एनिमल प्रोटेक्शन (ASAP) टीम के सहयोग से आयोजित इस दौरे का उद्देश्य पशु अधिकारों के मुद्दों पर रोशनी डालना है।
पशु अधिकार कार्यकर्ता के रूप में डॉ. हर्ष की यात्रा एक शाकाहारी जीवन शैली को अपनाने के साथ शुरू हुई, जो आध्यात्मिक विश्वास और जिम्मेदारी की गहरी भावना से प्रेरित है। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस परिवर्तन ने उन्हें खोजी फिल्म निर्माण के लिए प्रेरित किया, जिसका समापन उनके प्रशंसित डॉक्युमेंटरी 'मां का दूध' में हुआ।
'मां का दूध' डॉक्युमेंटरी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान हासिल की। 2023 में जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में ग्लोबल मूवमेंट के साथ इसने सर्वश्रेष्ठ फिल्म का खिताब हासिल किया।
हर्ष का 27 मार्च से शुरू होने वाला अमेरिका का दौरा व्याख्यान, फिल्म स्क्रीनिंग और पशु अधिकारों और कल्याण पर इंटरैक्टिव सेशन के माध्यम से उत्तरी अमेरिकी विश्वविद्यालयों में छात्रों और समुदायों के बीच जागरूकता बढ़ाने का प्रयास के तौर पर है। हर्ष ने कहा कि मैं संयुक्त राज्य अमेरिका में अपनी बात रखने, छात्रों और समुदायों के साथ पशु अधिकारों की अपनी समझ को साझा करने को लेकर रोमांचित हूं।
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