परोपकारी रमेश भुटाडा ने हिंदू अमेरिका फाउंडेशन (एचएएफ) को 10 लाख डॉलर का दान देने का वचन दिया है। भुटाडा ने फाउंडेशन को अगले चार वर्षों में 10 लाख डॉलर देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। भुटाडा इससे पहले भी प्रमुख हिंदू संस्थानों को दान देने का वादा कर चुके हैं। बीते माह 13 अप्रैल को फ़ाउंडेशन के धन संचय कार्यक्रम में लोगों ने सुंदर अय्यर की त्रासद आपबीती सुनी। अय्यर ने बताया कि किस तरह से सरकारी एजेंसियों ने उन्हे जाति-आधारित भेदभाव के झूठे आरोपों में प्रताड़ित किया था।
कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. सुबोध भूचर और फाउंडेशन के निदेशक मंडल के सदस्य विक्रम शेषाद्रि द्वारा स्थानीय निर्वाचित अधिकारियों को अतिथियों के परिचय से हुई। मंच के सम्मानित लोगों ने इस अवसर पर पारंपरिक तरीके से दीप जलाया और स्थानीय एचएएफ युवा स्वयंसेवक सान्वी पंडित ने मंगलाचरण किया। इसके बाद शेषाद्रि और एक अन्य बोर्ड सदस्य ऋषि भुटाडा ने 350 से अधिक उपस्थित लोगों को हिंदू समुदाय की वकालत करने के साथ-साथ शिक्षकों और मीडिया सहित अमेरिकियों को हिंदुओं और हिंदू धर्म के बारे में
शिक्षित करने में फाउंडेशन की गतिविधियों की जानकारी दी।
फाउंडेशन की ओर से बताया गया कि वह किस तरह से हिंदू समुदायों को एकजुट करने और उन्हे सशक्त करने का काम कर रहा है और साथ ही अमेरिकी लोगों को शिक्षण संस्थानों और मीडिया के माध्यस से शिक्षित कर रहा है। इसी क्रम में सुंदर अय्यर ने अपनी आपबीती सुनाई जिसे उपस्थित समुदाय ने बड़े ध्यान और धैर्य के साथ सुना। शुक्ला और अय्यर दोनों ने समुदाय को ऐसे परिदृश्यों के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता बताई।
समारोह में कलाकृति परफॉर्मिंग आर्ट्स द्वारा बॉलीवुड गीतों पर नृत्य प्रदर्शन भी शामिल था। कलाकृति की संस्थापक कुसुम शर्मा को फाउंडेशन के एडवांसमेंट ऑफ द धार्मिक आर्ट्स एंड ह्यूमैनिटीज अवार्ड से सम्मानित किया गया। कुसुम शर्मा के स्थान पर यह सम्मान उनकी बेटी तान्या ने हासिल किया जो खुद समूह में नृत्यांगना हैं।
इसके बाद रमेश भुटाडा ने 10 लाख डॉलर दान देने की बात कहकर सभी को चौंका दिया। उन्होंने टेक्सास हिंदू कैंपसाइट, हिंदू यूनिवर्सिटी ऑफ अमेरिका (यूएसए) और अब एचएएस जैसे हिंदू सामुदायिक संस्थानों को वित्त पोषित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
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