ह्यूस्टन में श्री गुरुवायुरप्पन मंदिर ने 31 अक्टूबर को दिवाली का त्योहार मनाया। इस खुशी के मौके पर भक्ति, संस्कृति और समुदाय की भावना से सराबोर समारोह का आयोजन किया गया। समारोह की खासियत थी खास लक्ष्मी पूजन, जिसमें सभी को दिवाली के तोहफे और खुशहाली की दुआएं मिलीं। मंदिर को पारंपरिक दीपक और 'कोलम' (रंगोली) से सजाया गया था। यह कलाकारी लक्ष्मी माता की तस्वीर बनाकर प्राकृतिक रंगों से की गई थी।न देगा।
सनातन हिंदू समुदाय के एक जाना-माना चेहरा और हिंदू सशक्तिकरण के पैरोकार अरुण मुंद्रा इस कार्यक्रम में एक खास मेहमान के तौर पर शामिल हुए। उन्होंने सनातन धर्म को बढ़ावा देने और विश्व हिंदू परिषद की इस काम में अहम भूमिका पर बात की। उन्होंने धार्मिक आयोजनों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के जरिए समुदायों को एकजुट करने की अहमियत पर जोर दिया, जो दुनिया भर में हिंदू विरासत को मजबूत करने के बड़े लक्ष्य के साथ जुड़े हैं।
श्री गुरुवायुरप्पन मंदिर में देवी लक्ष्मी पूजा और दिवाली की सजावट। / Arun Mundraह्यूस्टन के दूसरे स्थानीय मंदिरों ने भी दिवाली का त्योहार प्रार्थना और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया। श्री कृष्ण वृंदावन मंदिर ने एक पारंपरिक दिवाली पूजा आयोजित की, जो सुजनाना धार्मिक कृष्ण वृंदावन फाउंडेशन के एक पुजारी द्वारा शुभ मुहूर्त पर की गई। मंत्रों और श्लोकों का जाप पूजा के साथ हुआ। परिवारों और बच्चों सहित श्रद्धालुओं ने भक्ति के साथ इसमें हिस्सा लिया। दिवाली के रीति-रिवाजों का महत्व समझा और खुशहाली और कल्याण के लिए प्रार्थनाएं कीं।
ह्यूस्टन के कई दूसरे मंदिरों ने भी दिवाली का त्योहार उत्साह और भक्ति के साथ मनाया। इनमें पशुपति नाथ जी मंदिर, स्वयंकाशी शिवालय और नए बने अष्टलक्ष्मी मंदिर शामिल हैं। इस मंदिर ने हाल ही में अपने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान 90 फीट ऊंची अभय हनुमान की प्रतिमा का अनावरण किया। अरुण मुंद्रा ने अभय हनुमान मंदिर के लिए रथ यात्रा को आयोजित करने में अहम भूमिका निभाई, जिससे ह्यूस्टन के आस-पास के कई स्थानीय मंदिर एक साथ आए और हिंदू समुदाय को एकजुट किया गया।
श्री कृष्ण वृंदावन मंदिर में पारंपरिक दिवाली पूजा। / Arun Mundra
अपने संबोधन में अरुण मुंद्रा ने सनातन हिंदू समुदाय की वैश्विक पहुंच पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से पैदा होने वाला तालमेल न केवल ह्यूस्टन में, बल्कि पूर्वी एशिया, दक्षिण एशिया (नेपाल और भारत सहित), खाड़ी, यूके, यूरोप और अफ्रीका (केन्या, घाना, तंजानिया) जैसे क्षेत्रों में हिंदू एकता को मजबूत करने में योगदान देता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि ह्यूस्टन में दिवाली का त्योहार दुनिया भर में इसी तरह के धार्मिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदानों को प्रेरित करेगा, जो वैश्विक स्तर पर सनातन धर्म के विकास में योगदा
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