ADVERTISEMENTs

यूपी के शहर गोरखपुर में छठ की रही धूम, भारतीय-अमेरिकी श्रद्धालु भी हुए शामिल

उत्तर प्रदेश के शहर गोरखपुर में भी छठ पर जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। यहां चार दिवसीय कार्यक्रम में सिर्फ स्थानीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय श्रद्धालुओं ने भी भाग लिया। हजारों की संख्या में भक्त राप्ती नदी के घाटों पर एकत्र हुए।

chhath puja images / gkp_up

भारत के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में एक छठ पर्व की जबरदस्त धूम रही। छठ पर्व के लिए श्रद्धालुगण सूर्य के अर्घ्य के साथ इसकी शुरुआत करते हैं। यह कार्यक्रम चार दिन चलता है। उत्तर प्रदेश के शहर गोरखपुर में भी छठ पर जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। यहां चार दिवसीय कार्यक्रम में सिर्फ स्थानीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय श्रद्धालुओं ने भी भाग लिया। हजारों की संख्या में भक्त राप्ती नदी के घाटों पर एकत्र हुए। इस साल गोरखपुर में छठ पर्व के दौरान भारतीय अमेरिकियों की काफी आमद देखने को मिली। इनमें से कई श्रद्धालु पूर्वांचल मूल के थे और त्योहार मनाने के लिए पहुंचे थे। 

छठ का हिस्सा बने कई एनआरआई लोगों के लिए यह एक सुखद अहसास था। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने परिवार के लोगों से इस कार्यक्रम के बारे में सुना  और इसलिए छठ से उनका भावनात्मक जुड़ाव है। इस दौरान स्थानीय प्रशासन ने शहर की व्यवस्था चाक-चौबंद कर रखी थी।

छठ पर राप्ती नदी में दिखा अनोखा नजारा
छठ पर हजारों की भीड़ नजर आई। घाटों को दीयों (मिट्टी के दीयों) को खूबसूरती से सजाया गया था और भक्तों ने बांस की टोकरियों में फल, गन्ना और गेहूं चढ़ाया। पारंपरिक छठ गीतों से वातावरण में पवित्रता, एकता और श्रद्धा का माहौल बना हुआ था। नदी में घुटनों तक खड़े होकर, भक्तों ने प्रार्थना में हाथ जोड़े। बता दें कि छठ पर्व में यह परंपरा सदियों से चली आ रही है।

पूर्वांचल और बिहार के लोगों के लिए छठ की महत्ता
छठ पूजा एक त्योहार से कहीं अधिक है, यह ज्यादातर पूर्वांचल और बिहार के लोगों के लिए एक सांस्कृतिक विरासत है जिसे अब एक वैश्विक उत्सव के रूप में देखा जाता है। हर साल छठ मनाने के लिए दुनियाभर से भारतीय मूल के लोग पहुंचते हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गोरखपुर प्रशासन ने छठ मनाने वालों के लिए सुरक्षित माहौल बनाने का पूरा प्रयास किया। घाटों को साफ़ करने से लेकर रोशनी स्थापित करने और चिकित्सा और शौचालय तक सभी सुविधाओं की व्यवस्था की गई थी। बुजुर्गों के लिए सुरक्षित और आरामदायक माहौल बनाया गया था।

कैलिफ़ोर्निया निवासी सोनाक्षी मोदनवाल ने कहा, "नदी में खड़े होकर अर्घ्य देते हुए, मैं अपनी जड़ों और अपने पूर्वजों से गहराई से जुड़ा हुआ महसूस कर रही थी।" जर्मनी से आई एक अन्य भक्त राशि जैन अग्रहरि ने कहा कि अपने बच्चों के साथ छठ पर यहा पहुंचकर मैं गर्व महसूस कर रही थी। मैंने अपने बच्चों को हमारी सांस्कृतिक विरासत से रू-ब-रू किया। 

कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग
इस उत्सव को विश्व स्तर पर लाइव-स्ट्रीम किया गया था, ताकि जो लोग व्यक्तिगत रूप से इसमें शामिल नहीं हो सके, उन्हें इस कार्यक्रम को जीवंत देखने का मौका मिले।

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

Related