भारत में गूगल (Google) के पब्लिक पॉलिसी हेड श्रीनिवास रेड्डी ने 13 फरवरी को कंपनी छोड़ दी। ये जानकारी गूगल के एक प्रवक्ता ने रॉयटर्स को दी। दो सालों में अहम पद छोड़ने की यह दूसरी घटना है। भारत गूगल के लिए बहुत बड़ा मार्केट है।
रेड्डी पहले माइक्रोसॉफ्ट और ऐप्पल में भी काम कर चुके हैं। सितंबर 2023 में उन्होंने गूगल जॉइन किया था। उनके काम का दायरा पब्लिक पॉलिसी से जुड़े कामों को देखना था। ये ऐसा समय था जब गूगल पर एंटीट्रस्ट के कई केस चल रहे थे और साथ ही वो पेमेंट ऐप्स से लेकर यूट्यूब तक अपने कई नए प्रोडक्ट्स भी लॉन्च कर रहे थे।
गूगल के प्रवक्ता ने रॉयटर्स को बताया, 'अब वो कंपनी से जुड़े नहीं हैं।' लेकिन उन्होंने इसके पीछे की वजह बताने से मना कर दिया।
गूगल ने अपने इंटरनल मेमो में बताया है कि उत्तरी यूरोप की पॉलिसी हेड इयरला फ्लिन अब भारत में अस्थायी तौर पर पॉलिसी की देखरेख करेंगी। रॉयटर्स को इस लेटर की कॉपी मिली है। इसमें लिखा है, 'भारत गूगल के लिए बहुत महत्वपूर्ण मार्केट है और हम इसकी सफलता के लिए पूरी तरह से कटिबद्ध हैं।'
रॉयटर्स की बार-बार की कोशिशों के बावजूद रेड्डी ने फोन नहीं उठाया। गौरतलब है कि रेड्डी ने अर्चना गुलाटी की जगह ली थी। गुलाटी भारत की एक पूर्व एंटीट्रस्ट अधिकारी थीं और उन्होंने 2022 में गूगल जॉइन करने के सिर्फ पांच महीने बाद ही इस्तीफा दे दिया था।
भारत में बड़ी टेक कंपनियों के लिए पॉलिसी से जुड़े पद बेहद अहम हैं। भारत में गूगल और दूसरी कंपनियों का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के साथ रिश्ते काफी उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। अल्फाबेट की इस कंपनी के लिए भारत मुख्य बाजार है। क्योंकि देश में ज्यादातर स्मार्टफोन्स एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलते हैं।
गूगल इन दिनों भारत में अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रोडक्ट्स का विस्तार कर रही है और यहां अपने Pixel फोन्स का स्थानीय स्तर पर उत्पादन भी शुरू कर चुकी है।
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