भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए समर्पित धर्मार्थ आध्यात्मिक संगठन 'गो स्पिरिचुअल इंडिया' ने दुनिया भर में भारतीय आध्यात्मिकता के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से एक नई पहल शुरू करने की घोषणा की है। इसके तहत गो स्पिरिचुअल इंडिया विश्व में लोगों को भारतीय आध्यात्मिक परंपराओं की गहन शिक्षाओं और पुरातन ज्ञान को प्रदर्शित करेगा।
भारत को आध्यात्मिकता के उद्गम स्थल के रूप में जाना जाता है। यहां पर आध्यात्मिक परंपराओं और दर्शन के विविध आयाम हैं जिसने सदियों से दुनिया भर के साधकों को आकर्षित किया है। योग और वेदांत के प्राचीन ज्ञान से लेकर बौद्ध, जैन और सिख धर्म की शिक्षाओं तक, भारतीय आध्यात्मिकता एक परिवर्तनकारी अंतर्दृष्टि और परंपराओं का खजाना अपने अंदर समेटे हुए है।
गो स्पिरिचुअल इंडिया संगठन आध्यात्मिक उत्थान और मानवीय सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ इन अमूल्य शिक्षाओं को दुनिया भर के लोगों के लिए सुलभ बनाने के लिए प्रयासरत है। इस अभियान के जरिए संगठन का उद्देश्य लोगों को भारतीय आध्यात्मिकता की गहराई की खोज करने, आंतरिक शांति प्राप्त करने और व्यक्तिगत विकास के लिए प्रेरित करना है।
गो स्पिरिचुअल इंडिया संगठन के संस्थापक सोनू त्यागी ने कहा कि हमारा नया अभियान भारतीय आध्यात्मिकता की परिवर्तनकारी शक्ति को दुनिया के साथ साझा करने के हमारे मिशन का प्रतीक है। गो स्पिरिचुअल इंडिया जमीनी संगठनों और मानवीय परियोजनाओं के साथ भारतीय आध्यात्मिक परंपराओं में निहित निस्वार्थ सेवा और करुणा की भावना को मूर्त रूप देना चाहता है।
आध्यात्मिक ज्ञान के प्रसार के प्रयासों के तहत गो स्पिरिचुअल इंडिया एक समाचार पत्रिका पोर्टल और ऐप भी लॉन्च कर रहा है, जिसका शीर्षक गो स्पिरिचुअल इंडिया होगा। इसमें लेख, वीडियो, साक्षात्कार सहित आध्यात्मिक सामग्री की एक विस्तृत श्रृंखला मिलेगी। यह डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रामाणिक और व्यावहारिक आध्यात्मिक संसाधनों तक दुनिया भर के साधकों को पहुंच प्रदान करेगा।
इसके अलावा निकट भविष्य में एक वेब टीवी/ ओटीटी प्लेटफॉर्म लॉन्च करने की भी योजना है जिसमें डॉक्युमेंट्री, वार्तालाप और निर्देशित ध्यान सहित आध्यात्मिक प्रोग्रामिंग की एक विविध श्रेणी की पेशकश की जाएगी। आजकल की अभूतपूर्व चुनौतियों के बीच गो-स्पिरिचुअल इंडिया अभियान आशा और प्रेरणा की किरण के रूप में काम करेगा।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login