अमेरिकी निवेशक और वित्तीय टिप्पणीकार जिम रोजर्स का कहना है कि मेरे जीवनकाल में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही एकमात्र भारतीय राजनेता हैं आये हैं जो चाहते हैं कि लोग सफल हों। रोजर्स भारतीय चुनावों के नतीजे घोषित होने से एक सप्ताह पहले, 29 मई को एंजेला चितकारा द्वारा आयोजित 'हर्ड इन द कॉरिडोर' के पॉडकास्ट एपिसोड के दौरान बोल रहे थे।
बकौल रोजर्स मोदी ने बहुत कुछ सीखा है। कभी वह सिर्फ वोट 'खरीदने' वाले एक भारतीय राजनेता हुआ करते थे लेकिन अब वह समझते हैं कि अर्थशास्त्र कैसे काम करता है, पूंजीवाद कैसे काम करता है। और वह चाहते हैं कि लोग सफल हों। मेरे जीवन में पहली बार, कोई भारतीय राजनीतिज्ञ है जो चाहता है कि लोग सफल हों। इसलिए मैं उत्साहित हूं।
यह पूछे जाने पर कि वह भारत में निवेश करेंगे या चीन में... 81 वर्षीय टिप्पणीकार ने कहा कि इस मसले पर वह हमेशा बचते रहे हैं। रोजर्स कहते हैं कि यदि आप निवेश करना चाहते हैं तो आप (भारत और चीन) दोनों में निवेश कर सकते हैं। वायरस के कारण और विशाल रियल एस्टेट की खस्ता हालत के कारण चीनी बाजार नीचे है। भारत कई कारणों से सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच रहा है।
वह कहते हैं कि मैं इस समय भारत में निवेश नहीं कर रहा क्योंकि वह अब तक के उच्चतम स्तर पर है। मैं चीन में निवेश की तलाश में हूं क्योंकि वहां काफी गिरावट आई है। लेकिन अगर आप समय की नब्ज पहचानकर कदम बढ़ाते हैं तो तो दोनों ही बेहतरीन निवेश हैं। अलबत्ता अगर भारत नीचे आता है और मोदी गंभीर हैं और मुझे ऐसा लगा तो मैं भारत में और अधिक पैसा लगाऊंगा।
मोदी अब केंद्र में तीसरे कार्यकाल की तैयारी कर रहे हैं। जब रोजर्स से उस महत्वपूर्ण मोड़ के बारे में पूछा गया जिसके कारण उनकी भारत में रुचि पैदा हुई तो उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए जवाब दिया। कहा- वह एक महान राजनीतिज्ञ रहे हैं। वह हर जगह लोकप्रिय हैं लेकिन उन्होंने राजनेता बनने के अलावा कभी कुछ नहीं किया। लेकिन अब वह समझने लगे हैं कि आपको प्रोत्साहन देना होगा, आपको लोगों की मदद करनी होगी।
सही दिशा में कदम उठा रहा है भारत
मेजबान चितकारा द्वारा यह पूछे जाने पर कि अब वह विश्व स्तर पर भारत को कहां देखते हैं, खासकर यदि मोदी जो कहते हैं उसका मतलब है और सही एक्शन लेते हैं तो रोजर्स ने आशावाद के साथ जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मेरे जीवनकाल में पहली बार भारत एक बेहद रोमांचक निवेश देश, निवेश गंतव्य और साथ ही एक विनिर्माण गंतव्य बनने जा रहा है। रोजर्स ने जोर देकर कहा कि मैं भारत में जो कुछ भी देखता हूं वह अब बेहतरी की ओर बदल रहा है। भारत का भविष्य अब अच्छा है।
विदेशों में भारतीयों की सफलता
रोजर्स ने देश के भीतर और प्रवासी भारतीयों की डेढ़ अरब से अधिक भारतीयों की महत्वपूर्ण आबादी पर भी प्रकाश डाला। इनमें से कई नौकरशाही से हताशा के कारण चले गए लेकिन तब से उन्होंने विदेशों में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा- जैसा कि मैंने पहले कहा था, बहुत सारे प्रवासी भारतीय नौकरशाही के कारण चले गए लेकिन उनमें से कई असाधारण रूप से सफल रहे हैं। आप दुनिया में कहीं भी जाइये... आपको अविश्वसनीय रूप से सफल भारतीय मिल जाएंगे। इसलिए क्योंकि उनके पास दिमाग है, उनके पास शिक्षा है। और अब ऐसा लगता है कि यह भारत के साथ-साथ भारत के बाहर भी होने वाला है।
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