दुनिया भर के देश जैसे-जैसे इमिग्रेशन की पेचीदगियों से रूबरू हो रहे हैं, उनकी नीतियों में महत्वपूर्ण बदलाव आ रहे हैं। ऐसे बदलाव जो प्रवासी समुदायों को सीधे प्रभावित करते हैं। न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम से लेकर बेल्जियम के फ़्लैंडर्स इलाके तक, सरकारें इमिग्रेशन को सीमित करने, स्थानीय कामगारों को प्राथमिकता देने और वर्कफोर्स में कौशल का पैमाना बढ़ाने के उपाय लागू कर रही हैं।
यूनाइटेड किंगडमः
यूके अपने देश में इमिग्रेशन में अब तक की सबसे बड़ी कटौती के इरादे से आव्रजन नीतियों में महत्वपूर्ण बदलाव कर रहा है। यूके के गृह विभाग ने कई उपायों की घोषणा की है, जिसमें कुशल श्रमिक वीजा के लिए वेतन सीमा में 48% की वृद्धि, शॉर्टेज ऑक्यूपेशन लिस्ट समाप्त करना और 20% वेतन छूट को खत्म करना जैसे कदम शामिल हैं। इन सभी का मकसद ब्रिटिश श्रमिकों को प्रवासियों के असर से बचाना है।
इतना ही नहीं, यूके सरकार सप्लीमेंट्री एम्प्लॉयमेंट परमीशन में विस्तार और कुशल श्रमिकों के लिए सामान्य वेतन सीमा में वृद्धि भी करने जा रही है। शॉर्टेज ऑक्यूपेशन लिस्ट को इमिग्रेशन सैलरी लिस्ट से बदला जा रही है, जिसमें सूचीबद्ध व्यवसायों को 20% की छूट अब नहीं मिलेगी। प्रधानमंत्री ऋषि सुनक प्रवासन को कम करने के लिए अपनी ही पार्टी की दक्षिणपंथियों के दबाव में हैं। ऐसे अनुमान हैं कि अप्रवासियों की वजह से 2036 के मध्य तक ब्रिटेन की आबादी में 61 लाख लोगों की बढोतरी हो सकती है। संभवतः इसी वजह से वीजा नियमों में हालिया बदलाव किए गए हैं।
कनाडाः
कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए स्टडी परमिट की सीमा लागू कर दी गई है ताकि तेजी से बढ़ती उनकी संख्या को मैनेज किया जा सके। इसका बड़ा असर भारतीय छात्रों पर पड़ेगा, जिनकी कनाडा में पढ़ने आने वाले विदेशी छात्रों में महत्वपूर्ण संख्या होती है। इमिग्रेशन मिनिस्टर मंत्री मार्क मिलर ने नेट जीरो फर्स्ट ईयर ग्रोथ मॉडल की घोषणा की है जिसमें 2024 में 4,85,000 नए अंतरराष्ट्रीय छात्रों को मंजूरी देने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें छात्र एक्सटेंशन और पिछले डेटा जैसे कारकों पर भी विचार किया गया है।
कुछ छात्र समूहों को हालांकि कैप से छूट भी दी गई है। प्रांतों और क्षेत्रों को उनकी जनसंख्या के आधार पर आवंटन दिया गया है। प्रवासियों की संख्या को सीमित करने या कम करने के उद्देश्य से नीतियों को एडजस्ट किया गया है। लगभग 552,000 अध्ययन परमिट आवेदन आवंटित किए गए थे। इसमें से लगभग 292,000 परमिटों को अप्रूव करने का इरादा है। यह 2023 के मुकाबले 28% की कमी को दर्शाता है।
ऑस्ट्रेलियाः
ऑस्ट्रेलिया में भी अंतरराष्ट्रीय छात्र आवेदकों पर बढ़ती संख्या को देखते हुए वीजा के लेकर सख्त मानदंड अपनाए गए हैं। इसकी वजह से दो वर्षों में पहली बार वीजा आवेदनों में कमी आई है। ऑस्ट्रेलिया की अंतरराष्ट्रीय छात्र आबादी 700,000 से अधिक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। हालांकि हाल के सरकारी कदमों से जाहिर है कि आने वाले वर्षों में इसमें गिरावट आएगी।
नई "वास्तविक छात्र" परीक्षा और अंग्रेजी के उच्च दक्षता मानकों की वजह से वीज़ा आवेदन में गिरावट आ रही है और इनकार की दर तेजी से बढ़ रही है। यही वजह है कि छात्र अब दूसरे देशों की तरफ देख रहे हैं। नई परीक्षा वास्तविक अस्थायी प्रवेशकर्ता (जीटीई) परीक्षा की जगह लेगी, जहां आवेदकों को अपने अध्ययन के इरादों और आर्थिक परिस्थितियों के बारे में विस्तृत जानकारी देने की आवश्यकता होगी।
सरकार "हाई रिस्क" एजुकेशन प्रोवाइडर्स को भी टारगेट कर रही है ताकि आव्रजन नियमों को कथित तौर पर ताक पर रखने वालों पर लगाम कसी जा सके। सरकार का मानना है कि इन बदलावों से एक बिखरी हुई प्रणाली को ठीक करके प्रवासन स्तर को कम किया जा सकता है। हालांकि विश्वविद्यालय के चांसलर इसकी वजह से होने वाले नुकसान को लेकर चिंतित हैं। अनुमान है कि 2024 में लगभग 198 मिलियन अमेरिकी डॉलर के राजस्व की गिरावट आ सकती है। यह स्थिति एक पसंदीदा स्टडी डेस्टिनेशन के रूप में ऑस्ट्रेलिया की प्रतिष्ठा के लिए खतरा है।
न्यूजीलैंडः
न्यूजीलैंड सरकार ने हाल ही में प्रवासन को लेकर उठ रही चिंताओं के जवाब में मान्यता प्राप्त नियोक्ता कार्यकर्ता वीजा (AEWV) योजना में बदलाव की घोषणा की है। यह संशोधन मुख्य रूप से कम कुशल रोजगार चाहने वाले व्यक्तियों को प्रभावित करते हैं। इसके तहत अब अंग्रेजी भाषा में अच्छी पकड़ की जरूरत होगी। साथ ही वीजा अवधि पांच से घटाकर तीन साल हो जाएगी। नतीजतन, अधिकांश कार्य वीजा आवेदकों को अब AEWV भूमिकाओं के लिए न्यूनतम कौशल और कार्य अनुभव सीमा को पूरा करना होगा।
इसके अलावा सरकार ने ग्रीन लिस्ट में 11 भूमिकाओं को जोड़ने की योजना को भी रोक दिया है। बस और ट्रक ड्राइवरों के लिए वर्क टू रेजिडेंस पाथवे को बंद कर दिया है। नियोक्ताओं को अब सुनिश्चित करना होगा कि प्रवासी श्रमिक विशिष्ट योग्यता और कौशल को पूरा करते हों। ये नियम न्यूजीलैंड के स्थानीय लोगों के लिए नौकरी के अवसरों को प्राथमिकता देते हैं और विशेष कौशल की कमी वाले क्षेत्रों में अत्यधिक कुशल प्रवासियों को लाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
बेल्जियमः
बेल्जियम का फ़्लैंडर्स क्षेत्र 1 मई 2024 से अपनी आव्रजन नीति में महत्वपूर्ण बदलाव करने जा रहा है। इस संशोधन का उद्देश्य रोजगार में विदेशी नागरिकों के बजाय बेल्जियम और यूरोपीय कामगारों को प्राथमिकता देना है। इन बदलावों के दायरे में वर्क परमिट छूट को व्यापक बनाना, मध्यम कौशल वाले व्यवसायों में सख्त नियम लागू करना और आईटी क्षेत्र में ईयू ब्लू कार्ड धारकों के लिए रोजगार परिवर्तन आदि शामिल है।
इसके अलावा, ईयू ब्लू कार्ड प्राप्त करने के लिए वेतन की आवश्यकता सालाना यूएस $ 64448 तक बढ़ा दी गई है। इन संशोधनों का उद्देश्य आव्रजन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना और फ़्लैंडर्स में कुशल श्रमिकों को लाना है। पिछले एक दशक में फ़्लैंडर्स में प्रवासियों की संख्या काफी बढ़ी है। इनमें रोमानिया, नीदरलैंड, पोलैंड और बुल्गारिया जैसे यूरोपीय देशों के अलावा भारत, अमेरिका, तुर्की और जापान आदि देश भी शामिल हैं।
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