न्यू जर्सी के पूर्व गवर्नर क्रिस क्रिस्टी ने राष्ट्रपति पद की दावेदारी के लिए अपना 'सामान बांधने' से कुछ समय पहले एक टिप्पणी की थी- वह गायब होने वाली है... पर इसके लिए तैयार नहीं हैं। क्रिस्टी दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर निकी हेली का जिक्र कर रहे थे जिन्हें पार्टी के नामांकन के वास्ते पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को चुनौती देने के लिए रिपब्लिकन दल के भीतर एक आशाजनक उम्मीदवार के रूप में देखा जाता है। फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डीसेंटिस और भारतीय अमेरिकी उद्यमी विवेक रामास्वामी जैसे अन्य लोगों को अब 'दूर की कौड़ी' के रूप में देखा जाता है और जल्द ही उनका भी बोरिया बिस्तर समेटने की उम्मीद है।
न्यू हैम्पशायर में एक नवीनतम सर्वेक्षण में हेली को ट्रम्प से 14 अंकों से पीछे दिखाया गया है। यह देखते हुए अंतर काफी कम हो गया है कि मार्च 2023 में संयुक्त राष्ट्र के पूर्व राजदूत के लिए समर्थन केवल 4 प्रतिशत था मगर अब 31 प्रतिशत पर है। और संकेत हैं कि क्रिस्टी के बाहर निकलने से हेली को सबसे ज्यादा फायदा होगा।
रिपब्लिकन...और कुछ हद तक डेमोक्रेट्स की भी 15 और 23 जनवरी पर नजर होगी क्योंकि नवंबर 2024 के चुनावों में यह पहला राजनीतिक प्रदर्शन होगा। यदि आयोवा कॉकस और न्यू हैम्पशायर प्राइमरी हेली के लिए एक मजबूत प्रदर्शन का संकेत देते हैं तो यह ट्रम्प के अभियान के लिए काफी अलग 'खेल' है। वर्तमान में 45वें राष्ट्रपति को अपने विरोधियों पर अच्छी बढ़त हासिल है और यहां तक कि नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भी सधी बातें कही जा रही हैं।
ऐसा नहीं है कि ट्रम्प हार मानने को तैयार होंगे। लेकिन यह अभियान हेली के उत्थान की शुरुआती घबराहट के संकेत दे रहा है जो इस बात से स्पष्ट है कि 'बिग मैन' ने बराक ओबामा नोटबुक का एक घिसा-पिटा पन्ना उलटते हुए यह सवाल करना शुरू कर दिया कि क्या हेली सर्वोच्च पद के लिए चुनाव लड़ने के योग्य भी हैं क्योंकि अपने भाई-बहनों के होने के समय उनके माता-पिता अमेरिका के नागरिक नहीं थे। ओबामा के राष्ट्रपति बनने और दो पूर्ण कार्यकाल पूरा करने के बाद 'जन्मदाता' सिद्धांत को लंबे समय से खारिज कर दिया गया है। हेली इसी तरह के अभियान से बच जाएंगी, अगर इसे जरा भी जोर मिलता है।
ऐसा रेखांकित किया गया है कि आयोवा और न्यू हैम्पशायर ने रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों को बड़े संदेश दिये हैं। उदाहरण के लिए तीन रिपब्लिकन उम्मीदवार और छह डेमोक्रेट, जिन्होंने 1976 और 2020 के बीच आयोवा कॉकस जीता था, उनकी पार्टी के उम्मीदवार बन गए। डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों में से केवल जिमी कार्टर और ओबामा ही राष्ट्रपति बने। और रिपब्लिकन में से केवल जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने व्हाइट हाउस में प्रवेश किया।
लेकिन न्यू हैम्पशायर की कहानी अलग है। यहां जीतने वाले छह GOPers (ग्रैंड ओल्ड पार्टी के उम्मीदवार) ने पांच डेमोक्रेट के विपरीत नामांकन सुरक्षित कर लिया। रोनाल्ड रीगन, जॉर्ज एच.डब्ल्यू.बुश और ट्रम्प जिन्होंने पार्टी का नामांकन हासिल किया व्हाइट हाउस चले गए। एकमात्र डेमोक्रेट जो न्यू हैम्पशायर जीतने और ओवल ऑफिस में पहुंचने में कामयाब रहे वह कार्टर थे। और यहां GOP दावेदारों के लिए एक सांत्वना है। 1992 में बिल क्लिंटन और 2020 में जोसेफ बाइडन आयोवा और न्यू हैम्पशायर दोनों हार गए लेकिन राष्ट्रपति बन गए।
हेली के उदय का ट्रम्प और बाइडन अभियानों के लिए अलग-अलग संदेश हैं। पूर्व राष्ट्रपति के लिए यह ग्रैंड ओल्ड पार्टी के भीतर एक 'वास्तविक' चुनौती का सामना करने में से एक है जिसने नामांकन प्रक्रिया को हिला दिया है। इसके अलावा हेली ने दिखाया है कि वह दबाव या उनके बारे में बातें बनाने से पीछे हटने वाली नहीं हैं। उनकी चुनौती पार्टी के वफादारों और बड़े दानदाताओं को पूर्व राष्ट्रपति की सभी अपेक्षित हरकतों के बावजूद चुनाव लड़ने और जीतने की अपनी क्षमता के बारे में आश्वस्त करना होगा।
जहां तक डेमोक्रेट्स की बात है तो उनके लिए हेली का उदय एक बड़ी राजनीतिक बाधा है। बाइडन अभियान इस बार शायद चुपचाप इस सोच के साथ 2020 वाले चुनाव की उम्मीद कर रहा था कि मतदाता राजनीति में जहर और विभाजन से दूर रहेंगे। लेकिन दिक्कत यह है कि पार्टी के भीतर ही कुछ लोग उन्हे फिर से नहीं देखना चाहते। दूसरी ओर वह किसी भी मुकाबले में ट्रम्प से पीछे दिखते हैं। और विभिन्न सर्वेक्षणों के अनुसार वह हेली से भी पीछे हैं। डेमोक्रेटिक रणनीतिकारों के लिए बेहतर होगा कि वे इस बात पर कम ध्यान दें कि क्या हेली 2024 में 'स्मोक्ड' हो जाएंगी। केवल यह सुनिश्चित करें कि उनके उम्मीदवार को नवंबर में हेली के उसी 'वार' का सामना न करना पड़े।
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