अमेरिकी सरकार ने अपने कार्यक्रमों और सेवाओं के प्रचार के लिए पिछले 10 वर्षों में एडवर्टाइजिंग पर 14.9 अरब डॉलर की रकम खर्च की है। इसमें से 14 फीसदी ठेके अल्पसंख्यकों, महिलाओं और सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों की कंपनियों को दिए गए हैं। ये जानकारी अमेरिकी सरकार के अकाउंटिबिलिटी ऑफिस (GAO) की नई रिपोर्ट से सामने आई है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2014 से लेकर 2023 तक अल्पसंख्यकों, महिलाओं और वंचित वर्ग के लोगों के बिजनेस के साथ 2.1 अरब डॉलर के विज्ञापन अनुबंध किए थे। इसके अलावा, संघीय एजेंसियों ने कोविड-19 से संबंधित विज्ञापन अनुबंधों के लिए लगभग 1.1 अरब डॉलर खर्च किए। इसमें से उपरोक्त व्यवसायों को 3.5 प्रतिशत यानी लगभग 37 मिलियन डॉलर के ठेके दिए गए थे।
रिपोर्ट बताती है कि 2014 से लेकर 2023 तक वंचित वर्ग के छोटे व्यवसायों (एसडीबी) और अल्पसंख्यकों व महिलाओं को कुल 14.9 अरब डॉलर के विज्ञापन अनुबंधों में से 2.1 अरब डॉलर के ठेके दिए गए थे। रिपोर्ट में आंकड़े देते हुए बताया गया कि इन वर्षों में इन वर्गों के बिजनेस को दिए जाने वाले विज्ञापन लगभग दोगुने हो चुके हैं।
वित्त वर्ष 2014 से लेकर 2023 तक इन कंपनियों को दिए गए विज्ञापन ठेकों में से लगभग आधे सरकार की तीन एजेंसियों- रक्षा, स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग (एचएचएस) और होमलैंड सिक्योरिटी द्वारा दिए गए थे। डॉलर में यह रकम लगभग 1.3 बिलियन डॉलर होती है। कई एजेंसियों ने अपने ज्यादातर विज्ञापन इन्हीं व्यवसायों को दिए थे। उदाहरण के लिए नासा के 99 फीसदी विज्ञापन इन्हें ही मिले थे।
कोरोना महामारी के दौरान संघीय एजेंसियों ने कोविड-19 से संबंधित विज्ञापन अनुबंधों पर लगभग 1.1 बिलियन डॉलर की रकम खर्च की थी। इसमें से उपरोक्त व्यवसायों को 3.5 प्रतिशत यानी लगभग 37.1 मिलियन डॉलर के विज्ञापन दिए थे। इनमें से 836 मिलियन डॉलर के विज्ञापन हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेज विभाग के थे।
रिपोर्ट के अनुसार, जिन 21 व्यवसायों को कोविड-19 से संबंधित अनुबंध दिए गए थे, उनमें से सात निर्दिष्ट व्यवसाय थे। एक निर्दिष्ट व्यवसाय और एक हिस्पैनिक व महिलाओं के स्वामित्व वाले व्यवसायों को कोविड-19 से संबंधित 98 फीसदी विज्ञापन प्रदान किए गए थे।
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