भारत ने प्रत्यक्ष कर संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। आयकर विभाग की तरफ से वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जारी प्रोवीजनल आंकड़ों में पिछले साल से करीब 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी बताई गई है।
आयकर विभाग की कमिश्नर पीआर और आधिकारिक प्रवक्ता सुरभि आहलूवालिया ने वित्त मंत्रालय की तरफ से बयान जारी करके इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 17 मार्च 2024 को शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह बढ़कर 226.83 अरब डॉलर हो गया है जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 19.88 प्रतिशत अधिक है।
विस्तृत आंकड़े प्रदान करते हुए उन्होंने बताया कि इसमें कॉरपोरेट टैक्स का योगदान 11.08 अरब डॉलर का है जबकि पर्सनल इनकम टैक्स 11.66 अरब डॉलर रहा है। इसमें सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) भी शामिल है।
ए़डजस्टमेंट से पहले वित्त वर्ष 2023-24 का कुल प्रत्यक्ष कर 266.72 अरब डॉलर है जो कि पिछले वित्तीय वर्ष से 18.74 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्शाता है। मदवार आंकड़े देखें तो एडवांस टैक्स कलेक्शन 109.38 अरब डॉलर है। यह पिछले वित्त वर्ष से 22.31 प्रतिशत अधिक है। इसका अर्थ ये भी है कि भारत में व्यक्तिगत और कंपनियों में टैक्स भुगतान की संस्कृति में अच्छा सुधार हो रहा है।
सिर्फ कलेक्शन ही नहीं, टैक्स रिफंड में भी सुधार हो रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में 4.04 अरब डॉलर के बराबर टैक्स रिफंड जारी किए गए हैं जो कि पिछले वित्त वर्ष से 12.74 फीसदी ज्यादा है।
बता दें कि भारत में दो तरह के टैक्स प्रचलित हैं। इनमें प्रत्यक्ष कर यानी डायरेक्ट टैक्सों में इनकम टैक्, गिफ्ट टैक्स आदि आते हैं। वहीं इनडायरेक्ट टैक्स यानी अप्रत्यक्ष करों में वैट यानी वैल्यू एडेड टैक्स, सर्विस टैक्स, कस्टम ड्यूटी आदि शामिल होते हैं।
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