फ्रांस में आयोजित 77वें कान फिल्म महोत्सव में Sunflowers Were The First Ones To Know को सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्मों के लिए ला सिनेफ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह फिल्म भारत के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) के छात्र चिदानंद नाइक ने बनाई है।
हाल ही में आयोजित फिल्म फेस्टिवल में फिल्म के निर्देशक चिदानंद नाइक ने पुरस्कार ग्रहण किया। फिल्म की शूटिंग सूरज ठाकुर ने, संपादन मनोज वी ने की थी। साउंड अभिषेक कदम ने दिया है। भारतीय सिनेमा के लिए यह एक ऐतिहासिक मौका है। भारत की फिल्में अंतर्राष्ट्रीय मंच पर तारीफ हासिल रही हैं।
FTII ने हाल के वर्षों में कान में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। उसके छात्रों की कई फिल्में वहां प्रदर्शित की जा चुकी हैं। चार साल पहले 77वें कान फिल्म महोत्सव में एफटीआईआई के एक अन्य छात्र द्वारा तैयार फिल्म 'कैटडॉग' को पुरस्कार मिला था। अब चिदानंद की फिल्म ने संस्थान का नाम रोशन किया है।
यह पहली बार है जब FTII में टीवी कोर्स के फर्स्ट इयर के किसी छात्र की फिल्म का प्रतिष्ठित कान फिल्म समारोह में चयन हुआ है। 2022 में FTII में शामिल होने से पहले, नाइक को भारत के 53वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में 75 क्रिएटिव माइंड्स में से एक के रूप में चुना गया था। यह सिनेमा में उभरते युवा कलाकारों की पहचान और सपोर्ट करने की भारत सरकार के सूचना प्रसारण मंत्रालय की एक पहल है।
Sunflowers Were The First Ones To Know एक बुजुर्ग महिला की कहानी है जो गांव में मुर्गे चुरा लेती है। इससे समुदाय में अफरातफरी फैल जाती है। मुर्गे को फिर से पाने के लिए भविष्यवाणी गढ़ी जाती है जिसकी वजह से बूढ़ी औरत को परिवार समेत निर्वासित कर दिया जाता है।
77वें कान फिल्म महोत्सव में भारत से विभिन्न श्रेणियों में कई एंट्री मिली थीं। पायल कपाड़िया, मैसम अली, संतोष सिवन, चिदानंद एस नाइक सहित एफटीआईआई के कई पूर्व छात्रों को इस साल के महोत्सव में पहचान मिली।
महोत्सव का 'ला सिनेफ' कैटिगरी में उभरती प्रतिभाओं और फिल्म स्कूलों की फिल्मों को रखा जाता है। इसमें दुनिया भर से 555 फिल्म स्कूलों की 2,263 एंट्री मिली थीं। इनमें 18 शॉर्ट फिल्म (14 लाइव-एक्शन और 4 एनिमेटेड फिल्में) भी थीं। चिदानंद की फिल्म ने इन सभी से बाजी मारी और प्रतिष्ठित ला सिनेफ पुरस्कार अपने नाम कर लिया।
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