ADVERTISEMENTs

ट्विटर के पूर्व CEO पराग अग्रवाल ने AI स्टार्टअप के लिए जुटाये 30 मिलियन डॉलर

हालाकि उत्पाद की विशिष्टता और स्टार्टअप के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। बताया जाता है कि स्टार्टअप बड़े भाषा मॉडल के डेवलपर्स के लिए सॉफ्टवेयर का निर्माण कर रहा है।

IIT बॉम्बे के पूर्व छात्र अग्रवाल ने ट्विटर के साथ एक दशक बिताया था। / Image : X@paraga

खबर है कि ट्विटर के पूर्व CEO पराग अग्रवाल ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) स्टार्टअप के लिए लगभग 30 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है। रिपोर्ट्स के अनुसार खोसला वेंचर्स ने अग्रवाल की कंपनी में फंडिंग का नेतृत्व किया था। वेंचर कैपिटल फर्म इंडेक्स वेंचर्स और फर्स्ट राउंड कैपिटल ने भी इस अभियान में भूमिका निभाई।

हालाकि उत्पाद की विशिष्टता और स्टार्टअप के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। बताया जाता है कि स्टार्टअप बड़े भाषा मॉडल के डेवलपर्स के लिए सॉफ्टवेयर का निर्माण कर रहा है जिन्हें ओपन AI के चैटजीपीटी और उन LLM (बड़े भाषा मॉडल) के ग्राहकों द्वारा लोकप्रिय बनाया गया था।

वर्ष 2022 में एलन मस्क द्वारा 44 बिलियन डॉलर में X के नाम से जानी जाने वाली कंपनी का अधिग्रहण करने के तुरंत बाद अग्रवाल को हटा दिटा गया था। अग्रवाल तब से ही लो प्रोफ़ाइल रहे। भारतीय अमेरिकी ने 29 नवंबर, 2021 को CEO के रूप में संस्थापक जैक डोर्सी की जगह ली थी। डोर्सी कंपनी में लंबे समय तक कार्यरत इंजीनियर थे और पहले मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी के पद तक पहुंचे थे।

पिछले साल अक्टूबर में मस्क को पराग अग्रवाल, पॉलिसी लीड विजया गड्डे और कंपनी के CFO नेड सेगल को कानूनी फीस के रूप में 1.1 मिलियन डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया गया था। तीनों ने कथित तौर पर अपने कानूनी बिलों का भुगतान करने में विफल रहने के लिए अप्रैल में कंपनी पर मुकदमा दायर किया था।

खबरों के अनुसार CEO नियुक्त होने से पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे के पूर्व छात्र अग्रवाल ने ट्विटर के साथ एक दशक बिताया था। 2005 में वह संयुक्त राज्य अमेरिका चले आए और कंप्यूटर विज्ञान में डॉक्टरेट करने के लिए स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। वहां वह डेटाबेस पर केंद्रित एक शोध समूह में शामिल हो गए जो कंप्यूटरों को पैमाने पर डिजिटल जानकारी अन्य सामग्री उपलब्ध कराता था। 
 

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

Related