अमेरिका में हिंदू मंदिरों पर नफरती हमले बढ़ते जा रहे हैं। पिछले दो हफ्तों में सैन फ्रांसिस्को के बे एरिया के कम से कम तीन हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया है।
ताजा मामले में हेवर्ड में विजय शेरावाली मंदिर को क्रिसमस पर आपत्तिजनक नारे लिख दिए गए। अपने दिवंगत पिता की याद में 2021 में मंदिर का निर्माण करने वाले रोनिल विजय चंद ने न्यू इंडिया अब्रॉड से एक इंटरव्यू में कहा कि नफरती भित्तिचित्रों को देखकर उनका दिल टूट गया था।
उन्होंने कहा कि हमने इस खूबसूरत जगह को बनाने के लिए बहुत समय लगाया, बहुत मेहनत की, लेकिन इसके खिलाफ इतनी नफरत क्यों? आखिर इसे निशाना क्यों बनाया गया? हम किसी के खिलाफ हिंसा नहीं करते। हम एक अहिंसक शांतिपूर्ण समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
मंदिर में तोड़फोड़ करने वालों ने स्प्रे से पेंट करके 'खालिस्तान जिंदाबाद' और 'मोदी आतंकवादी है' जैसे नारे लिख दिए थे। देवी दुर्गा को समर्पित इस शेरावाली मंदिर को खाड़ी क्षेत्र का सबसे बड़ा मंदिर माना जाता है। मंदिर में आने वालों में ज्यादातर फिजी के भारतीय अप्रवासी होते हैं।
रोनिल विजय चंद ने कहा कि इन भित्तिचित्रों को देखकर उन्होंने सबसे पहले हेवर्ड पुलिस को फोन किया लेकिन उन्हें बताया गया कि अलामेडा काउंटी शेरिफ विभाग मामले को देखेगा क्योंकि मंदिर हेवर्ड उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर के इलाके में है।
उन्होंने दावा किया कि 4 जनवरी की देर शाम तक न तो शेरिफ विभाग से और न ही हेवर्ड पुलिस की तरफ से कोई घटना की जांच के लिए आया। चंद ने कहा कि वह कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा इस पर कोई कार्यवाही न किए जाने से हैरान हैं। उन्होंने कहा कि तोड़फोड़ करने वाले चाहते हैं कि लोग मंदिर आने से डरें। मैं चाहता हूं कि पुलिस हमारी सुरक्षा के लिए गंभीर कदम उठाए।
रोनिल चंद तकनीकी विशेषज्ञ हैं और पहले एडोबी में काम करते थे, लेकिन मंदिर को समय देने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी। उनका कहना है कि वह खालिस्तानी आंदोलन के नेताओं के बीच बातचीत के लिए तैयार हैं। लेकिन हमें एक-दूसरे को समझने की जरूरत है।
हेवर्ड मंदिर पर हमले से पहले 22 दिसंबर को नेवार्क के श्री स्वामीनारायण मंदिर में भी इसी तरह की घटना हुई थी। वहां पर भी हमलावरों ने जरनैल सिंह भिंडरावाले के समर्थन और मोदी के विरोध में नारे लिखे थे। इनमें भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी की तुलना आतंकवादी से की गई थी।
इस मामले में नेवार्क पुलिस विभाग के कप्तान जोनाथन अर्गुएलो ने न्यू इंडिया अब्रॉड को बताया कि घटना की अभी सक्रियता से जांच की जा रही है लेकिन फिलहाल कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
अर्गुएलो ने कहा कि इस वारदात की घृणित अपराध के रूप में जांच की जा रही है। यह एक ऐसे पूजाघर को निशाना बनाकर किया गया हमला है, जहां नियमित रूप से धार्मिक गतिविधियां होती हैं।
पुलिस कप्तान ने कहा कि वह अभी इसकी पुष्टि नहीं कर सकते कि इस हमले के पीछे खालिस्तानी समर्थकों का हाथ था या नहीं। उन्होंने अपील की है कि अगर किसी को इस अपराध के बारे में जानकारी हो तो वह नेवार्क पुलिस की जांच इकाई के डिटेक्टिव सार्जेंट यामा होमायून से 510.578.4920 पर या Yama.Homayoun@newark.org पर ईमेल के माध्यम से संपर्क करें। इस मामले की जांच अमेरिकी न्याय विभाग भी कर रहा है।
इन दोनों घटनाओं के अलावा एक तीसरी घटना सैंटा क्लारा के शिव दुर्गा मंदिर में हुई थी। हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन की नेशनल कम्युनिटी आउटरीच की डायरेक्टर राम्या रामकृष्णन ने न्यू इंडिया अब्रॉड को बताया कि रात के समय कम से कम दो लोग मंदिर में घुस आए थे और दान पेटी में रखे सभी पैसे चुरा लिए। इस दानपेटी में कम से कम एक महीने का दान रखा हुआ था। मंदिर प्रबंधन को इस घटना के बारे में अगले दिन पता चला।
रामकृष्णन ने कहा कि मैं 24 साल से खाड़ी क्षेत्र में रह रहा हूं और मैंने ऐसा कभी नहीं देखा। तीन सप्ताह में तीन अपराध हो चुके हैं। समुदाय में बहुत डर और आशंका है। वे लोग मंदिर आने से डर रहे हैं। उन्होंने मंदिरों को सुरक्षा कैमरों और मोशन सेंसर से लैस करके अपना बचाव खुद करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन के प्रबंध निदेशक समीर कालरा ने न्यू इंडिया अब्रॉड से कहा कि कई सिख अमेरिकी नेता भी इन हमलों की निंदा कर चुके हैं। हमें यह समझना होगा कि ये हरकतें खालिस्तानी समर्थकों की हैं। आम सिखों का इससे संबंध नहीं है।
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