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दुनिया की हर रेटिंग एजेंसी इसलिए गा रहे हैं भारत के गीत, Fitch Ratings का ये है नया अनुमान

फिच रेटिंग्स ने FY25 के लिए GDP ग्रोथ अनुमान को 6.5% से बढ़ाकर 7% कर दिया है। इस संशोधन को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मजबूत घरेलू डिमांड, बिजनेस और कंज्यूमर के बीच बढ़ते विश्वास के रूप में इसे देखा जा रहा है।

भारतीय इकोनॉमी दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती हुई इकोनॉमी बनी हुई है। / Pexels

भारतीय इकोनॉमी दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती हुई इकोनॉमी बनी हुई है। दुनिया की तमाम रेटिंग एजेंसी और इकोनॉमिक एक्सपर्ट इसकी पुष्टि कर रहे हैं। वर्ल्ड बैंक से लेकर आईएमएफ तक ने अर्थव्यवस्था के लिहाज से भारत को बेहतर बता रहे हैं। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch Ratings) ने भारत पर भरोसा जताते हुए देश के जीडीपी ग्रोथ अनुमान में बदलाव किया है। फिच रेटिंग्स ने कहा है कि वित्त वर्ष 2024 और 2025 में इंडियन इकोनॉमी 7 फीसदी की दर से आगे बढ़ेगी।

फिच रेटिंग्स ने FY25 के लिए GDP ग्रोथ अनुमान को 6.5% से बढ़ाकर 7% कर दिया है। इस संशोधन को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मजबूत घरेलू डिमांड, बिजनेस और कंज्यूमर के बीच बढ़ते विश्वास के रूप में इसे देखा जा रहा है। अपने नवीनतम अनुमान में फिच ने वित्त वर्ष 24 के लिए अपने जीडीपी की वृद्धि का अनुमान बढ़ाकर 7.8 प्रतिशत कर दिया, जो दिसंबर 2023 में अनुमानित 6.9 प्रतिशत से अधिक है।

इसी तरह FY25 के लिए एजेंसी ने अपने अनुमान को संशोधित कर इसे 7 प्रतिशत कर दिया, जबकि पहले 6.5 प्रतिशत का अनुमान जताया गया था। इस अनुमान में भविष्य की ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद भी शामिल है। फिच का मानना है कि दिसंबर खत्म होने तक महंगाई RBI के लक्ष्य 4% तक आ जाएगी। RBI ने ब्याज दरों को 6.5% पर स्थिर करके रखा हुआ है और रिजर्व बैंक का फोकस महंगाई को काबू करने पर है। फिच के मुताबिक, RBI साल 2024 के दूसरे हाफ में तक ब्याज दरों में 50 bps की कटौती कर सकता है।

एजेंसी ने लगातार तीन तिमाहियों के लिए जीडीपी के 8 प्रतिशत से अधिक होने के साथ निरंतर विकास गति के लिए बेहतर पूर्वानुमानों का श्रेय दिया। चालू वित्त वर्ष के अंत में मंदी की आशंका के बावजूद फिच भारत के आर्थिक प्रदर्शन के बारे में आशावादी बना हुआ है, जो डोमेस्टिक डिमांड, मजबूत निवेश और उपभोग में बढ़ोतरी को उजागर करता है।

फिच ने जीडीपी और ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) के बीच अंतर का भी उल्लेख किया। इसे असामान्य रूप से व्यापक कहा, लेकिन सामान्य होने की उम्मीद जताई है। इसके अलावा एजेंसी ने जनवरी और फरवरी के लिए मजबूत व्यापार सर्वेक्षण डेटा का हवाला देते हुए अपने अनुमानों में संभावित जोखिमों की ओर इशारा किया है।

फिच संशोधन अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भारत की प्रभावशाली 8.4 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि के बाद एसएंडपी और मूडीज जैसी अन्य वैश्विक रेटिंग एजेंसियों द्वारा किए गए आकलन की तरह ही है। मैन्युफैक्चरिंग और निर्माण क्षेत्रों में मजबूत प्रदर्शन से प्रेरित इस बढ़ोतरी ने वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में भारत की स्थिति की पुष्टि की है।

जबकि FY24 के लिए फिच के पूर्वानुमान सरकार के 7.6 प्रतिशत के संशोधित अनुमानों को पार कर गया है, लेकिन ये भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के 8 प्रतिशत के अनुमान से थोड़ा कम हैं। बेहतर आर्थिक परिदृश्य को देखते हुए फिच को उम्मीद है कि रिजर्व बैंक जुलाई से सितंबर तक रेपो रेट में 0.50 प्रतिशत की कटौती का विकल्प चुनेगा और अपने पिछले अनुमान को 75 आधार अंक से घटा देगा।

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