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ऑस्ट्रेलियन ऑफ द इयर पुरस्कारों में देसी जलवा, पीएम ने भी की तारीफ

2024 के ऑस्ट्रेलियन ऑफ द ईयर, सीनियर ऑस्ट्रेलियन ऑफ द ईयर, यंग ऑस्ट्रेलियन ऑफ द ईयर और ऑस्ट्रेलिया के लोकल हीरो के इन पुरस्कारों के लिए 34 लोगों को देश के विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों से चुना गया है।

ऑस्ट्रेलियन ऑफ द ईयर पुरस्कारों के लिए 34 लोगों को नामित किया गया है। / X @AlboMP

ऑस्ट्रेलिया में साल 2024 के राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए 34 लोगों को नामित किया गया है। इनमें कई भारतीय और एशियाई मूल के निवासी भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने पुरस्कारों के नामितों से मुलाकात के बाद कहा कि ये नामांकित हमारे सर्वोत्तम मूल्यों, साहस, करुणा और दयालुता का प्रतिनिधित्व करते हैं।

2024 के ऑस्ट्रेलियन ऑफ द ईयर, सीनियर ऑस्ट्रेलियन ऑफ द ईयर, यंग ऑस्ट्रेलियन ऑफ द ईयर और ऑस्ट्रेलिया के लोकल हीरो के इन पुरस्कारों के लिए 34 लोगों को देश के विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों से चुना गया है। इनमें सामुदायिक नेता, शिक्षक, स्वयंसेवक, पर्यावरण एवं पशु पैरोकार, चिकित्सा शोधकर्ता, चेंजमेकर और सामुदायिक निर्माता शामिल हैं। 



तस्मानिया से सीनियर ऑस्ट्रेलियन ऑफ द इयर पुरस्कार के लिए नामित सजिनी सुमार दशकों से प्रवासियों और विविध सांस्कृतिकता वाली महिलाओं के हितों की वकालत करती रही है। वह उन समूहों की आवाज उठाती रही हैं जिन्हें अक्सर चुप करा दिया जाता है। उन्हें पहले भी कई पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। 

न्यू साउथ वेल्स के ऑस्ट्रेलियन ऑफ द इयर के लिए नामित निखिल औतार कैंसर की गंभीर बीमारी ल्यूकीमिया से पीड़ित रहे हैं।  मेडिकल स्टूडेंट औतार विकलांगता से पीड़ित व्यक्तियों की मदद के लिए भीम हेल्थ, भीम अप, भीम सेंस और नो इन एडवांस मैप्स जैसे कई समाधान पेश कर चुके हैं। 

विक्टोरिया से यंग ऑस्ट्रेलियन ऑफ द इयर पुरस्कार के लिए भक्त बहादुर भट्टराई को नामित किया गया है। नेपाल में भूटानी रिफ्यूजी कैंप में जन्मे भट्टराई 2012 मे परिवार के साथ ऑस्ट्रेलिया आए थे। उनके वोडोंगा बहुसांस्कृतिक समुदाय की निस्वार्थ सेवा एवं देखभाल को देखते हुए इस पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। 

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लोकल हीरो के लिए शॉर्टलिस्ट संदीपन मित्रा का बचपन बेहद गरीबी में बीता, लेकिन आज वह बहुसांस्कृतिक समुदाय की सेवा के लिए समर्पित हैं। सीनियर बैंक मैनेजर संदीपन जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त शिक्षा, बुजुर्गों की देखभाल जैसे कई कार्यक्रमों में शामिल रहे हैं। कोरोना काल में भी उन्हें लोगों की काफी मदद की थी।  

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