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एफआईए-न्यू इंग्लैंड ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर किया संवाद का आयोजन

परिवर्तनकारी संवाद का विषय था- सशक्त परिवर्तन: राजनीतिक कार्रवाई का आह्वान। संवाद के दौरान विशेष रूप से महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी कई मुद्दों पर चर्चा की गई।

संवाद के दौरान राजनीतिक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का आग्रह किया गया। / Image : FIA-NE

बीती 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशंस, FIA-न्यू इंग्लैंड ने नारी शक्ति को लेकर एक सार्थक संवाद का आयोजन किया। इस परिवर्तनकारी संवाद का विषय था- सशक्त परिवर्तन: राजनीतिक कार्रवाई का आह्वान। संवाद का संचालन FIA निदेशक ज्योति सिंह ने किया था। इस संवाद में न सिर्फ महिलाओं की विविध क्षेत्रों में उपलब्धियों को रेखांकित किया गया बल्कि राजनीतिक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने का उत्साहपूर्वक आग्रह किया गया। 

संवाद का संचालन FIA निदेशक ज्योति सिंह ने किया था। / Image : FIA-NE

संवाद में लेफ्टिनेंट गवर्नर सबीना माटोस, मेलिसा गोहो (रोड आइलैंड शिक्षा विभाग बोर्ड सदस्य), योशिता सिंह (प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया - पीटीआई के लिए मुख्य संयुक्त राष्ट्र और न्यूयॉर्क संवाददाता), मैगी लेमे (मिसेज कॉन्टिनेंटल वर्ल्ड), नेमीरा लाल ( हार्वर्ड विश्वविद्यालय में स्नातक छात्र), प्रतिभा गोयल (उद्यमी, शिक्षक, लोटस लर्नर्स ग्रुप ऑफ स्कूल्स की संस्थापक-निदेशक), सरस्वती मुप्पन्ना (एमडी, आंतरिक चिकित्सा, पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर, नींद और मोटापा चिकित्सा विशेषज्ञ) और डायना डिजोग्लियो (राज्य ऑडिटर,
मैसाचुसेट्स) ने हिस्सेदारी की। 

प्रेरक पथप्रदर्शक लेफ्टिनेंट गवर्नर सबीना माटोस ने राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की भावुक अपील के साथ संवाद की शुरुआत की। माटोस ने समावेशी राजनीतिक परिदृश्य को बढ़ावा देने के लिए बाधाओं को तोड़ने पर जोर दिया और नीतियों को आकार देने और सामाजिक परिवर्तन लाने में महिलाओं के परिवर्तनकारी प्रभाव को साझा किया।



संवाद के दौरान विशेष रूप से महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी कई मुद्दों पर चर्चा की गई। महिलाओं के स्वास्थ्य अधिकारों और कल्याण की वकालत करने में चुनौतियों और समाधानों पर विमर्श किया गया। स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में भेदभाव पर चर्चा में सुधार के लिए रणनीतियों का प्रस्ताव करते हुए स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में महिलाओं के सामने आने वाले पूर्वाग्रह और भेदभाव के मुद्दों को भी बातचीत में समाहित किया गया। 
 

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