ओटावा द्वारा एक सिख नेता की हत्या से जुड़े होने के आरोप में निष्कासित कनाडा में भारत के दूत संजय कुमार वर्मा ने एक साक्षात्कार में जोर देकर कहा कि वह निर्दोष हैं और प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने द्विपक्षीय राजनीतिक संबंधों को बर्बाद कर दिया है।
ओटावा का आरोप है कि दिल्ली कनाडा की धरती पर भारतीय असंतुष्टों को निशाना बना रही है। आरोपों के बाद सियासी सरगर्मी बढ़ने पर दोनों देशों ने 14 अक्टूबर को 'जैसे को तैसा' कार्रवाई करते हुए छह राजनयिकों को बाहर करने का आदेश दिया।
ट्रूडो ने विशेष रूप से पिछले साल ब्रिटिश कोलंबिया में सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से इन छह लोगों को जोड़ा है। कनाडा में भारत के दूत वर्मा ने इंटरव्यू में कहा कि ट्रूडो सबूतों के बजाय खुफिया जानकारी पर भरोसा कर रहे हैं।
वर्मा ने 20 अक्टूबर को प्रसारित एक इंटरव्यू में कहा कि खुफिया जानकारी के आधार पर यदि आप किसी रिश्ते को नष्ट करना चाहते हैं, तो मेरे मेहमान बनें। और उन्होंने यही किया।
यह पूछे जाने पर कि क्या निज्जर की हत्या से उनका कोई लेना-देना है, वर्मा ने कहा, कुछ भी नहीं। कोई सबूत पेश नहीं किया गया। यह राजनीति से प्रेरित है। अपने गृह राज्य पंजाब के बाहर कनाडा सिखों की सबसे अधिक आबादी का ठिकाना है और भारत से अलग एक अलग मातृभूमि के पक्ष में प्रदर्शनों ने नई दिल्ली को परेशान कर दिया है।
निज्जर की कनाडा में हत्या को लेकर दोनों देशों के बीच कई महीनों से संबंधों में खटास चल रही है। हालांकि जब भी आरोपों के संदर्भ में सुबूतों की बात हुई है तो कनाडा की ओर से कोई ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है।
इस द्विपक्षीय विवाद को लेकर अमेरिका संतुलन का रुख बनाये हुए है। अमेरिका ने अपनी धरती पर एक सिख अलगाववादी की हत्या की नाकाम कोशिशों के बाद भारत पर जांच का दबाव बनाया और भारत ने भी जांच शुरू की। भारत के इस रुख से अमेरिका ने संतोष व्यक्त किया था फिर भी न्याय विभाग ने दो भारतीय अधिकारियों को लेकर पिछले सप्ताह ही आरोप-पत्र की घोषणा की है।
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