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अमेरिकी राजदूत ने भारतीय छात्रों को पढ़ाई का न्योता दिया, पूर्व मंत्री ने सुरक्षा पर सवाल उठा दिए

पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि अमेरिकी कैंपस अब पहले की तरह सुरक्षित नहीं रह गए हैं। वहां हाल ही में हिंसा और डराने-धमकाने की घटनाएं हुई हैं। कई भारतीय पैरंट्स को अपने बच्चों को भारत वापस बुलाना पड़ा है।

भारत सरकार के पूर्व मंत्री राजीव चंद्रशेखर और भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी। / X @RajeevRC_X/ @USAmbIndia

भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके राजीव चंद्रशेखर से अमेरिकी विश्वविद्यालयों में सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है और वहां पर भारतीय मूल के छात्रों की स्थिति को लेकर निष्पक्षता से जानकारी देने का आग्रह किया है। 

18 साल तक सार्वजनिक सेवा में रहने के बाद संन्यास ले चुके राजीव चंद्रशेखर नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री तथा केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री रह चुके हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता राजीव चंद्रशेखर ने भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी से अपने देश के विश्वविद्यालयों की स्थिति पर जानकारी देने की मांग की है। गार्सेटी ने अमेरिकी विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए भारत के विभिन्न राज्यों में एजुकेशन फेयर आयोजित किए जाने की जानकारी दी थी। 

गार्सेटी ने एक्स पर वीडियो पोस्ट में एजुकेशन फेयर के बारे में बताते हुए कहा कि यह आपके लिए 80 से अधिक अमेरिकी विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों से मिलने और वहां दाखिलों, छात्रवृत्ति और अन्य बहुत कुछ जानने का मौका है। अमेरिका में पढ़ाई के अपने सपने को साकार करने के लिए अभी रजिस्ट्रेशन करें।



राजीव चंद्रशेखर ने गार्सेटी को रिप्लाई करते हुए कहा कि आप भारतीयों युवाओं को अमेरिका में पढ़ाई के लिए आमंत्रित कर रहे हैं तो बता दूं कि मैं भी अमेरिकी विश्वविद्यालय से स्नातक कर चुका हूं और कह सकता हूं कि अमेरिका में कई बेहतरीन विश्वविद्यालय हैं।

राजीव ने आगे कहा कि अमेरिकी कैंपस अब पहले की तरह सुरक्षित नहीं रह गए हैं। वहां हाल ही में हिंसा और डराने-धमकाने की घटनाएं हुई हैं। कई भारतीय पैरंट्स को अपने बच्चों को भारत वापस बुलाना पड़ा है। इसलिए एजुकेशन फेयर अच्छे हैं, लेकिन कृपया अमेरिकी कैंपसों की सुरक्षा के बारे में पारदर्शिता के साथ जानकारी भी दें। 

 



गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में अमेरिका के विश्वविद्यालयों में काफी हिंसक घटनाएं हुई थीं। यूसीएलए में एक फिलिस्तीनी समर्थक शिविर पर हमले के बाद विवाद भड़क उठा था जिसमें कई लोग घायल हुए थे। मैडिसन में विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय में छात्रों और पुलिस की भिड़ंत हुई थी। कोलंबिया विश्वविद्यालय में भी अराजक दृश्य सामने आए थे. 

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