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पंजाब के डिप्टी सीएम रहे सुखबीर बादल पर स्वर्ण मंदिर में चली गोली, पूर्व खालिस्तानी आतंकी गिरफ्तार

नारायण सिंह चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध रह चुका है। इस पर कम से कम 30 मुकदमें दर्ज हैं।

स्वर्ण मंदिर में सुखबीर सिंह बादल पर हमले के आरोप में नारायण सिंह चौरा गिरफ्तार। / X/@Gagan4344

बुधवार सुबह अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर सेवादार की ड्यूटी निभा रहे शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर गोली चली। हमलावर की पहचान पूर्व खालिस्तानी आतंकवादी नारायण सिंह चौरा के रूप में हुई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान में प्रशिक्षित अकाल फेडरेशन के पूर्व प्रमुख चौरा ने सिख उग्रवाद पर किताबें लिखी हैं। 1995 में भारत लौटने से पहले चौरा तीन बार पाकिस्तान जा चुका था।

चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध रह चुका है। वह 2004 के बुरैल जेल से भागने के मामले में भी कथित रूप से शामिल था, जिसमें बेअंत सिंह के हत्यारे और बब्बर खालसा इंटरनेशनल के प्रमुख जगतार सिंह हवारा चार विचाराधीन कैदियों के साथ जेल की बैरक नंबर 7 से सुरंग खोदकर भाग गए थे। यह सनसनीखेज भागने की घटना 21 जनवरी 2004 की रात को घटी थी।

कम से कम 30 मामलों में वांछित
चौरा पर करीब 30 मामले दर्ज हैं, जिनमें से एक 8 मई 2010 को अमृतसर के सिविल लाइन्स पुलिस स्टेशन में विस्फोटक अधिनियम के तहत दर्ज किया गया था। वह अमृतसर, तरनतारन और रोपड़ में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में भी वांछित था। उसे 28 फरवरी, 2013 को तरनतारन के जलालाबाद गांव से गिरफ्तार किया गया था और वे जमानत पर बाहर थे।

पुलिस के अनुसार, चौरा 1984 में पाकिस्तान चला गया था और आतंकवाद के शुरुआती दौर में पंजाब में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेपों की तस्करी में अहम भूमिका निभाई थी। पाकिस्तान में रहते हुए उसने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध पर किताबें लिखीं।

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