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कैलीफोर्निया में मंदिर पर हमले के खिलाफ 'नफरत मिटाओ अभियान'

कांग्रेस सदस्य श्री थानेदार ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि मैं नेवार्क के स्वामी नारायण मंदिर को निशाना बनाए जाने की शर्मनाक घटना की कड़ी निंदा करता हूं। मंदिर पर लिखे गए भारत विरोधी भित्तिचित्र हमारे विविध और समावेशी समाज पर प्रहार है।

नेवार्क के मंदिर की दीवारों पर लिखे गए नफरती नारों को साफ किया गया। फोटो @INSIGHTUK2 /

अमेरिका के कैलीफोर्निया में हिंदू मंदिर पर भारत विरोधी और खालिस्तानी नारे लिखे जाने की घटना का कड़ा विरोध हो रहा है। भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद श्री थानेदार समेत कई संगठनों ने इस घटना की निंदा की और नफरत मिटाने का अभियान चलाया।



कांग्रेस सदस्य श्री थानेदार ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन के संसदीय कॉकस का संस्थापक होने के नाते मैं नेवार्क के स्वामी नारायण मंदिर को निशाना बनाए जाने की शर्मनाक घटना की कड़ी निंदा करता हूं। मंदिर पर लिखे गए भारत विरोधी भित्तिचित्र हमारे विविध और समावेशी समाज पर प्रहार है।



श्री थानेदार ने आगे कहा कि मैं असहिष्णुता के ऐसे हमलों की निंदा करता हूं और इस जघन्य अपराध की गहन जांच की अपील करता हूं। धार्मिक स्वतंत्रता एवं सांप्रदायिक सद्भाव हमारे राष्ट्र के मौलिक सिद्धांत हैं। मैं सुरक्षा एजेंसियों से आग्रह करता हूं कि वे सभी पूजा स्थलों की सुरक्षा एवं पवित्रता सुनिश्चित करें और अपराधियों को कानून के कठघरे में लाने के लिए त्वरित कार्रवाई करें।



वहीं कोअलिशन ऑफ हिंदूज ऑफ नॉर्थ अमेरिका (CoHNA) के सदस्यों ने मंदिर पर लिखे गए भित्तिचित्रों को साफ करने के अभियान में हिस्सा लिया। संगठन की ओर सोशल मीडिया पर बताया गया कि नफरत की इस घटना के विरोध में समाज के विभिन्न वर्गों के लोग एकजुट होकर आगे आए और मंदिर पर हमला करने के इस धर्मांध हमले को अंजाम देने वालों को कड़ा संदेश दिया।

अमेरिका ही नहीं, ब्रिटेन से भी इस हमले के खिलाफ आवाज उठी। भारतीय मूल के ब्रिटिश लोगों के संगठन इनसाइट यूके ने भी इस कायरना हरकत की निंदा की और भारत विरोधी और हिंदू विरोधी घटना की तीखी आलोचना की।

बता दें कि हाल ही में कैलीफोर्निया के नेवार्क शहर में स्वामीनारायण मंदिर की बाहरी दीवारों पर भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थक नारे लिख दिए गए थे। इनमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ घृणित नारे भी लिखे गए थे। मारे जा चुके खालिस्तानी अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का नाम भी दीवारों पर लिखा था।

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