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अमेरिका में हेल्थकेयर खर्च घटाने में भारत कैसे दे रहा योगदान, USISPF समिट में बताया

नई दिल्ली में आयोजित समिट में भारत के केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत अपनी नई शिक्षा नीति के माध्यम से दुनिया में समान शिक्षा को बढ़ावा दे रहा है।

USISPF इंडिया लीडरशिप समिट में परिचर्चा करते भारत के केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान। / X @dpradhanbjp

नई दिल्ली में आयोजित USISPF इंडिया लीडरशिप समिट-2024 को संबोधित करते हुए भारत के केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत अपनी नई शिक्षा नीति के माध्यम से दुनिया में समान शिक्षा को बढ़ावा दे रहा है।

लिंक्डइन के सीईओ रेयान रोसलैंस्की और पेस यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट मार्विन क्रिसलोव के साथ एक फायरसाइड चैट के दौरान शिक्षा मंत्री प्रधान ने शिक्षा क्षेत्र में भारत की प्रगति को रेखांकित किया। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत हासिल की गई महत्वपूर्ण प्रगति का ब्यौरा दिया। इस नीति में योग्यता आधारित, ज्ञान संचालित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने पर फोकस किया गया है।

उन्होंने भारत द्वारा नई टेक्नोलोजी अपनाने, भारतीय भाषाएं सीखने को बढ़ावा देने और अनुसंधान एवं रोजगार कौशल बढ़ाने के प्रयासों पर प्रकाश डाला। प्रधान ने कहा कि एनईपी-2020 पूरी दुनिया में अपना प्रभाव डालने जा रही रही है। एनईपी वैश्विक मानकों के अनुरूप अनुसंधान पर भी फोकस कर रही है। संस्थानों के साथ अनुसंधान भागीदारी, नए क्षेत्रों में गठजोड़ और सरकारों के साथ समझौते किए जा रहे हैं। 

प्रधान ने भारत में कैंपस स्थापित करने के इच्छुक विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए दरवाजे खोलने और पारंपरिक डिग्री के बजाय योग्यता को प्राथमिकता देने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने भरोसा जताया कि भारत अपने समाज की आकांक्षाओं को पूरा करेगा, साथ ही दुनिया के लिए ग्रोथ इंजन भी बनेगा।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने वैश्विक दवा उद्योग में भारत की अग्रणी भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भारत तीसरा सबसे बड़ा फार्मा उत्पादक और जेनेरिक दवाओं का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। भारत दुनिया भर में खासकर अमेरिका में हेल्थकेयर की लागत को काफी कम कर रहा है। भारतीय दवा उद्योग के योगदान से अमेरिकी हेल्थकेयर सिस्टम को 2022 में 219 बिलियन डॉलर और 2013 से 2022 के बीच 1.3 ट्रिलियन डॉलर की बचत हुई है।

श्रीवास्तव ने वैक्सीन उत्पादन में भारत की बड़ी भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर निर्मित सभी वैक्सीन का 50 प्रतिशत भारत से आता है। पिछले साल दुनिया भर में तैयार करके बांटी गई 8 बिलियन वैक्सीन खुराकों में से 4 बिलियन भारत में बनी थीं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा में किए जा रहे सुधारों से मेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों की संख्या बढ़ी है। इससे स्वास्थ्य पेशेवरों की कमी को दूर किया जा सकेगा और घरेलू एवं वैश्विक स्तर पर कुशल कार्यबल तैयार हो सकेगा।
 



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