हार्वर्ड में भारतीय मूल के अर्थशास्त्री राज चेट्टी को वेस्लेयन यूनिवर्सिटी (Wesleyan University) ने मानद उपाधि से सम्मानित करने के लिए चुना है। उन्हें उच्च शिक्षा एवं सामाजिक गतिशीलता पर उनके योगदान के लिए मान्यता दी गई है।
राज चेट्टी समेत तीन अर्थशास्त्रियों को विश्वविद्यालय में 26 मई को होने वाले 192वें दीक्षांत समारोह में यह सम्मान प्रदान किया जाएगा। भारत की राजधानी नई दिल्ली में जन्मे राज चेट्टी 1988 में अमेरिका आकर बस गए थे। 2003 में उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से 23 साल की उम्र में पीएचडी की थी।
इसके बाद राज चेट्टी ने यूसी-बर्कले और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में विभिन्न पदों पर कार्य किया, जहां वह अपने शोध के तरीकों के लिए चर्चित रहे। बाद में वह हार्वर्ड के प्रोफेसर भी बने। तभी से वह विश्वविद्यालय में पब्लिक इकनोमिक्स के विलियम ए एकमैन प्रोफेसर की भूमिका निभा रहे हैं।
राज चेट्टी मैकआर्थर जीनियस फैलोशिप, 2019 की जॉन केनेथ गैलब्रेथ फेलोशिप और जॉन बेट्स क्लार्क पदक भी जीत चुके हैं। उनके हालिया प्रोजेक्टों में 'आय गतिशीलता में नस्लीय असमानताएं', 'द सोशल कैपिटल एटलस' और 'कोविड-19 इकोनॉमिक ट्रैकर' पर अध्ययन शामिल हैं। उनके शोध सामाजिक आर्थिक असमानताओं को दूर करने के लिए डेटा आधारित इनसाइट्स का इस्तेमाल करते हैं।
वेस्लेयन की 1978 की क्लास के प्रेसिडेंट माइकल एस रोथ ने मानद उपाधि के लिए चुने गए व्यक्तियों की प्रशंसा की। रोथ ने कहा कि ऐसे समय में जब अकादमी मुश्किल में है, इन लोगों की प्रेरक उपलब्धियां दिखाती हैं कि उच्चतम स्तर पर अकादमिक कार्य कितना शक्तिशाली और फायदेमंद हो सकता है।
राज चेट्टी जर्नल ऑफ पब्लिक इकोनॉमिक्स विसेनशाफ्ट्सज़ेंट्रम बर्लिन के सलाहकार संपादक भी हैं। राज चेट्टी के साथ मानद उपाधि प्राप्त करने वालों में लेखक व अफ्रीकी अमेरिकी प्रोफेसर इमानी पेरी और न्यूरोसाइंटिस्ट माइकल ग्रीनबर्ग शामिल हैं। ये दोनों भी हार्वर्ड में पढ़ाते थे। इन्हें मई में होने वाले समारोह में यह उपाधि दी जाएगी।
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