भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (IIT-K) के पूर्व छात्र भारतीय-अमेरिकी डॉ. राजीव गौतम ने संस्थान के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के एकेडमिक और रिसर्च प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए 250,000 डॉलर का योगदान दिया है।
संस्थान की तरफ से बताया गया है कि कि आईआईटी कानपुर फाउंडेशन और डॉ. गौतम के बीच एक एमओयू पर साइन हुआ है। इसके तहत इस राशि से क्षेत्र में एक्सीलेंस को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से तीन एंडोवेड प्रोग्राम स्थापित होंगे। इस फंड का यूज एक एंडोवेड फैकल्टी चेयर, एक फैकल्टी फैलोशिप और स्टूडेंट्स के लिए ट्रैवल ग्रांट प्रोग्राम की स्थापना के लिए किया जाएगा।
एंडोवेड प्रोग्राम में ओम प्रकाश गौतम एंडोवेड फैकल्टी चेयर , राजीव और जॉयस गौतम फैकल्टी फैलोशिप, और छात्रों के लिए राजीव और जॉयस गौतम ट्रैवल ग्रांट शामिल हैं। 1974 में IIT-K से स्नातक होने के बाद डॉ गौतम ने तब से इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। विशेष रूप से हनीवेल में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने काम किया, जहां वे एमेरिटस प्रेसिडेंट के रूप में रिटायर हुए हुए।
राजीव गौतम ने कहा कि रिसर्च और एकेडमिक एक्सीलेंस को बढ़ावा देने के लिए अपने मातृ संस्थान जहां से हमने शिक्षा पाई है, उसे हर संभव तरीके से योगदान देने में सक्षम बनाना मेरे लिए बहुत गर्व की बात है। गौतम ने अपनी पेशेवर यात्रा को आकार देने में संस्थान द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि एंडोवेड प्रोग्राम उभरते रिसर्च स्कॉलर को सशक्त बनाएंगे और केमिकल इंजीनियरिंग में एकेडमिक एक्सीलेंस को बढ़ावा देंगे।
आईआईटी कानपुर के डायरेक्टर प्रोफेसर एस. गणेश ने डॉ. गौतम की उदारता की सराहना करते हुए रिसर्च प्रयासों को बढ़ाने, युवा प्रतिभा को पहचानने और छात्रों के लिए वैश्विक प्रदर्शन के अवसर प्रदान करने के लिए कार्यक्रमों की क्षमता पर प्रकाश डाला। आईआईटी कानपुर में संसाधन और पूर्व छात्रों के डीन प्रोफेसर कांतेश बलानी ने डॉ. गौतम के दृष्टिकोण की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि एंडोवेड प्रोग्राम का केमिकल इंजीनियरिंग में एकेडमिक एक्सीलेंस पर स्थायी प्रभाव पड़ेगा।
एमओयू आईआईटी कानपुर की एकेडमिक एक्सीलेंस की खोज में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर दिखाता है। केमिकल इंजीनियरिंग में इनोवेशन, स्कॉलरशिप और ग्लोबल जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। डॉ. राजीव गौतम का यह प्रयास संस्थान की उत्कृष्टता की संस्कृति की पुष्टि करता है और क्षेत्र में आगे की प्रगति के लिए मंच तैयार करता है।
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