डॉ. गिरीश पणिक्कर को मृदा एवं जल संरक्षण सोसायटी (SWCS) की ओर से अंतरराष्ट्रीय संरक्षण अनुसंधान पुरस्कार दिया गया है। अल्कोर्न स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पणिक्कर को संरक्षण अनुसंधान में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए इस पुरस्कार के माध्यम से मान्यता दी गई है। पणिक्कर की उपलब्धि ने उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका में संरक्षण अनुसंधान क्षेत्र के प्रति उनके दशकों लंबे समर्पण के लिए अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है।
सम्मान के बाद डॉ. पणिक्कर ने कहा कि यह मेरे और अल्कोर्न राज्य के लिए एक बड़ी मान्यता है। मैं बहुत भाग्यशाली था कि मुझे यहां नौकरी मिली। डॉ. ब्रिस्टो ने मुझे मेरी पीएच.डी. पर काम करने के लिए भेजा और मैं अल्कोर्न वापस आ गया क्योंकि मुझे पता था कि मिट्टी और पानी के संरक्षण की यह परियोजना दुनिया भर में लोगों की मदद कर सकती है। हमारा शोध दुनिया भर के कई देशों में जाता है।
1988 में USDA/NRCS और USDA/ARS द्वारा स्थापित अल्कोर्न में संरक्षण अनुसंधान केंद्र के निदेशक के रूप में डॉ. पणिक्कर ने बागवानी फसलों पर सबसे बड़े वैश्विक सी-फैक्टर (कवर और प्रबंधन) डेटाबैंक का निर्माण किया है। 45 फसलों पर 140,000 से अधिक रीडिंग और 6.5 मिलियन डॉलर से अधिक के निवेश के साथ इस जानकारी का उपयोग दुनिया भर में कटाव की भविष्यवाणी, पोषक तत्व प्रबंधन, संरक्षण योजना और मिट्टी के कटाव और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए किया जाएगा।
स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर एंड एप्लाइड साइंसेज के अंतरिम डीन डॉ. डेक्सटर वेकफील्ड ने कहा कि हाल ही में वर्ष 2023 के अंतरराष्ट्रीय संरक्षण अनुसंधान पुरस्कार प्राप्त करने के लिए डॉ. पणिक्कर को सम्मानित करना एक अत्यंत सम्मान की बात है। डॉ. पणिक्कर अपने अभूतपूर्व शोध के माध्यम से हमारे स्कूल के ब्रांड का प्रतिनिधित्व करते हैं जो हमारे देश और दुनिया को प्रभावित करता है।
वेकफील्ड ने कहा कि डॉ. पणिक्कर एक बेहद मिलनसार व्यक्ति हैं। उनकी यह खूबी उनसे मिलने वाले हर व्यक्ति को प्रभावित करती है। मैं डॉ. पणिक्कर को उनके अच्छे काम और पेशे में विद्वता तथा सेवा के सच्चे आदर्शों का उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए सलाम करता हूं।
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