स्थानीय मीडिया में खबरें चल रही हैं कि डोनाल्ड ट्रम्प ने विवेक रामास्वामी को अपने उप राष्ट्रपति साथी के रूप में खारिज कर दिया है। कहा जा रहा है कि ट्रम्प भारतीय-अमेरिकी उद्यमी को कैबिनेट नें लेने के अधिक इच्छुक हैं।
चर्चा है कि पूर्व राष्ट्रपति ने व्यक्तिगत रूप से रामास्वामी को बताया कि वह उपराष्ट्रपति पद के लिए उनकी पसंद नहीं होंगे लेकिन होमलैंड सुरक्षा सचिव सहित अन्य पदों के लिए उनके नाम पर विचार किया जा रहा है।
कहा जा रहा है कि ट्रम्प के कुछ सहयोगी रामास्वामी को इस पद के लिए आदर्श मानते हैं क्योंकि विवेक सार्वजनिक रूप से बोलने में माहिर हैं और एक अप्रवासी के भारतीय-अमेरिकी बेटे के रूप में व्यापक आव्रजन प्रतिबंधों की आलोचनाओं को बेअसर कर सकते हैं। वफादारी, वैचारिक मेल और कथित चुनावी शक्ति ऐसे पैमाने हैं जिनके आधार पर ट्रम्प संभावितों का मूल्यांकन कर रहे हैं।
ट्रम्प एक ऐसे साथी की तलाश कर रहे हैं जो सुर्खियों से प्रेरित न हो लेकिन उन्हें राष्ट्रपति जो बाइडन के खिलाफ दौड़ में बढ़त दिलाने में मदद करे। ट्रम्प ने करीबी सलाहकारों और सहयोगियों से कहा है कि संभावित साथी के रूप में चल रहे किसी भी नाम ने उन्हें ज्यादा प्रभावित नहीं किया है। पूर्व राष्ट्रपति के करीबी लोगों के अनुसार उनके विकल्पों की सूची छोटी नहीं, बल्कि लंबी हो गई है।
आयोवा रिपब्लिकन कॉकस में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद रामास्वामी 2024 के राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर हो गए थे और पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प के समर्थन में खुलकर सामने आ गये थे। रामास्वामी ने बिना किसी पूर्व राजनीतिक अनुभव के पिछले साल फरवरी में 2024 की दौड़ में लिए 'उड़ान' भरी थी।
बायोटेक फर्म रोइवंत साइंसेज के संस्थापक और 'वोक इंक' पुस्तक के लेखक विवेक ने अपने अधिकांश अभियान को अपने पैसों से ही चलाया। विवेक अपने अभियान की शुरुआत से ही ट्रम्प की तारीफ करते रहे हैं। उन्होंने तो यहां तक कहा था कि अगर वे राष्ट्रपति बन जाते हैं तो ट्रम्प को 'माफ' कर देंगे।
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