इमिग्रेशन पर अपने पुराने रुख से पलटते हुए राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह अमेरिकी कॉलेजों से ग्रेजुएशन करने वाले विदेशियों को ग्रीन कार्ड देना चाहते हैं। 78 वर्षीय राजनेता ने 'ऑल-इन' नाम के पॉडकास्ट पर एक इंटरव्यू के दौरान यह वादा किया।
ट्रंप ने पॉडकास्ट में कहा कि मैं एक काम ये करूंगा कि जब कोई छात्र किसी कॉलेज से ग्रेजुएशन करता है तो मुझे लगता है कि उसे इस देश में रहने के लिए अपने डिप्लोमा के साथ ही अपने आप ग्रीन कार्ड मिल जाना चाहिए।
बता दें कि इस साल होने वाले राष्ट्रपति चुनावों के लिए इमिग्रेशन एक प्रमुख चुनावी मुद्दा है। संभवतः इसीलिए ट्रंप इमिग्रेशन पर अपने हार्ड-लाइन स्टैंड को नरम कर रहे हैं। हालांकि राजनीतिक क्षेत्र में कई लोगों को यह काफी आश्चर्यजनक लग रहा है।
ट्रंप ने विदेशी स्नातकों को ग्रीन कार्ड देने की घोषणा ऐसे समय की है, जब कुछ ही दिन पहले डेमोक्रेट राष्ट्रपति जो बाइडन ने अमेरिकी नागरिकों से शादी करने वाले प्रवासियों को नागरिकता देने की घोषणा की है। इससे लगभग 5 लाख अमेरिकी परिवारों और 21 वर्ष से कम उम्र के करीब 50 हजार गैर-नागरिक बच्चों को फायदा मिलेगा।
ट्रंप ने 20 जून को पॉडकास्ट में खासतौर से भारत और चीन से अमेरिका आने वाले छात्रों को लेकर ये बात कही है। ट्रंप ने कहा कि मैं ऐसी कई कहानियां जानता हूं कि बाहर से आए लोगों ने यहां के कॉलेज से स्नातक किया और वे यहां रहना चाहते थे। उनके पास एक कंपनी खोलने, अपने विचार को धरातल पर उतारने की योजना थी, लेकिन वे नहीं कर सके। ऐसे लोग भारत लौट जाते हैं। चीन वापस चले जाते हैं। वहां जाकर वे कंपनी खड़ी करते हैं और हजारों लोगों को रोजगार देने वाले अरबपति बन जाते हैं।
ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी कंपनियों को स्मार्ट लोगों की जरूरत है। वे उनसे डील भी नहीं कर पाते क्योंकि उन्हें लगता है कि वे देश में रहने में सक्षम नहीं हो पाएंगे। लेकिन यह (मेरे राष्ट्रपति बनने के) पहले ही दिन से खत्म होने जा रहा है।
गौरतलब है कि इंटरनेशनल एजुकेशनल एक्सचेंज पर ओपन डोर्स रिपोर्ट बताती है कि साल 2022-23 में विदेशी ओरिजिन वाले 1,057,188 छात्रों ने अमेरिकी उच्च शिक्षा संस्थानों से पढ़ाई की, जोकि उससे पिछले साल से 12 फीसदी ज्यादा है। यह पिछले 40 वर्षों में सबसे तेज वृद्धि दर है। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी कॉलेजों में दाखिला लेने वाले छात्रों में सबसे ज्यादा चीन और भारत के होते हैं।
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