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आयोवा में अव्वल रहे डोनाल्ड ट्रम्प

डेमोक्रेट यह दिखावा नहीं कर सकते कि वे रिपब्लिकन नामांकन प्रक्रिया से परेशान नहीं हैं। व्हाइट हाउस की मौजूदा टीम और रणनीतिकार यह उम्मीद भी नहीं कर सकते कि बाइडन-ट्रंप की दोबारा भिड़ंत में यह कहकर बाजी मारी जा सकती है कि लोकतंत्र के लिए कौन अच्छा है।

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प। / Image : NIA


राष्ट्रपति पद के चुनाव में दावेदारी के लिए 15 जनवरी को आयोवा कॉकस का परिणाम पहले से तय निष्कर्ष ही था। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के रिपब्लिकन दौड़ में शीर्ष पर आने की उम्मीद थी जिसमें केवल चार प्रतियोगी थे। लेकिन जिस बात ने कई लोगों को हैरान किया वह थी फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस को 31 प्रतिशत और दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर निकr हेली को दो और अंकों से पछाड़कर के बाद सामने आया ट्रम्प की जीत का अंतर। भारतीय-अमेरिकी उद्यमी विवेक रामास्वामी केवल पूर्व राष्ट्रपति का समर्थन करने के लिए झुक गए। इससे यह चर्चा छिड़ गई कि शायद उनकी नजर नंबर दो पर है।

जो लोग ट्रम्प को जानते हैं वे तो यही कहेंगे कि अभी यह कहना बहुत जल्दी हो सकता है। पर यह तो तय है कि यह कोई नहीं बता सकता कि ट्रम्प क्या सोच रहे हैं। अभी कुछ समय पहले ही रामास्वामी सोशल मीडिया पर उनके निशाने पर थे। बेशक, ट्रम्प राजनीतिक नौसिखिया नहीं हैं। लेकिन अगर ट्रम्प की तरफ से कोई पेशकश हुई तो रामास्वामी बहुत सोचेंगे या समय की मांग करेंगे, ऐसा नहीं लगता। 

रिपब्लिकन नामांकन प्रक्रिया लंबी है। इसमें जून तक उम्मीदवार उभरकर सामने आता है। जब तक कि ट्रंप के सभी विरोधी घुटने नहीं टेक देते। उदाहरण के लिए रिपब्लिकन प्रतिनिधियों की कुल संख्या 2429 है जिसमें से एक उम्मीदवार को नामांकन प्राप्त करने के लिए 1215 की आवश्यकता है। आयोवा में 40 प्रतिनिधि थे जिनमें से ट्रम्प को 20 मिले और डेसेंटिस और हेली ने बाकी को हॉकआई राज्य में जीते गए प्रतिशत से विभाजित किया। सभी की निगाहें अब न्यू हैम्पशायर पर हैं जहां 23 जनवरी को प्राइमरी है। न्यू हैम्पशायर को एक अलग खेल के रूप में देखा जा रहा है। 

उम्मीदवार हेली अपने पूर्व बॉस के करीब पहुंच रही हैं। पिछड़ने के बाद एक नवीनतम सर्वेक्षण से पता चला कि ट्रम्प और हेली ग्रेनाइट राज्य में बराबरी पर हैं जिससे 45वें राष्ट्रपति की किस्मत पलट सकती है। भले ही नतीजे उनके ख़िलाफ़ जाएं, लेकिन ट्रंप के हार मानने की संभावना नहीं है। अगर ऐसा कुछ भी हुआ तो वह पूरी प्रक्रिया को धोखाधड़ी करार देंगे, अपने विरोधी पर और जहर उगलेंगे और दक्षिण कैरोलिना में अगले बड़े शो के लिए आगे बढ़ेंगे जो हेली की अपनी कर्मभूमि रही है। 

डेमोक्रेट यह दिखावा नहीं कर सकते कि वे रिपब्लिकन नामांकन प्रक्रिया से परेशान नहीं हैं। व्हाइट हाउस की मौजूदा टीम और रणनीतिकार यह उम्मीद भी नहीं कर सकते कि बाइडन-ट्रंप की दोबारा भिड़ंत में यह कहकर बाजी मारी जा सकती है कि लोकतंत्र के लिए कौन अच्छा है। ट्रम्प मुख्य रूप से अर्थव्यवस्था और अप्रवासन पर अपना रुख साफ कर चुके हैं। अब तक की सबसे कम अनुमोदन रेटिंग के बाद बेहतर होगा कि बाइडन और डेमोक्रेट्स इस 5 नवंबर, 2024 को शीर्ष पर आने के लिए एक प्रभावी संदेश के साथ सामने आएं। भले ही रिपब्लिकन उम्मीदवार कोई भी हो।

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