अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवारी के वास्ते पहले नतीजे आने शुरू हो गए हैं और डोनाल्ड ट्रंप बढ़त पर हैं। वर्मोंट में शायद बहुत कम संभावना के साथ निकी हेली के लिए स्थिति निराशाजनक लग रही है। वर्जीनिया, उत्तरी कैरोलिना और अरकंसास को ट्रम्प के खाते में रखा गया है। और ट्रम्प के लिए मंगलवार की शाम का सबसे बड़ा पुरस्कार 161 प्रतिनिधियों की विशाल उपस्थिति के साथ टेक्सास रहा है।
यदि इस राजनीतिक सत्र में कोई एक घटना थी जिसका पहले से ही निष्कर्ष तय माना जा रहा था तो वह 5 मार्च का सुपर मंगलवार यानी 'सुपर ट्यूसडे' था। निवर्तमान डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बाइडन के लिए कोई वास्तविक प्रतिस्पर्धा नहीं थी। बाइडन की एकमात्र रुचि 'अप्रतिबद्ध' वोटों में थी जो विरोध के माध्यम से डाले जाने वाले थे। खासकर मिनेसोटा में।
लेकिन 'सुपर ट्यूसडे' वाले दिन रिपब्लिकन प्राइमरी में असली दिलचस्पी वास्तव में यह थी कि क्या ट्रम्प 15 में से 15 हासिल कर सकते हैं और क्या इस प्रक्रिया में अपनी एकमात्र प्रतिद्वंद्वी निकी हेली को इतना कड़ा झटका दे सकते हैं कि वह इसे छोड़ने के लिए मजबूर हो जाएं।
मंगलवार को मैदान में मौजूद लगभग सभी राज्यों- अलबामा, अलास्का, अर्कांसस, कैलिफोर्निया, कोलोराडो, मेने, मैसाचुसेट्स, मिनेसोटा, उत्तरी कैरोलिना, ओक्लाहोमा, टेनेसी, टेक्सास, यूटा, वर्मोंट और वर्जीनिया- में हुए मतदान में पूर्व राष्ट्रपति को आगे दिखाया गया। 27 से 42 अंकों के बीच बढ़त के साथ।
हेली ने कॉलेज डिग्रीधारी, उपनगरीय, उदारवादी रिपब्लिकन और निर्दलीय लोगों के बीच अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन वैसा नहीं कि वह अपने पूर्व बॉस को किसी भी तरह की चुनौती पेश कर सकें। कुल मिलाकर इस 'सुपर ट्यूसडे' की रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स दोनों के लिए ही अलग-अलग यादें हैं। लेकिन 2024 का 'उबाऊ' सुपर मंगलवार कई साल गुजर जाने के बाद देखने को मिला क्योंकि दोनों ही शीर्ष राजनीतिक शिविरों में, खासकर गैर-निवर्तमान खेमे में, बहुत कम या कोई उथल-पुथल देखने को नहीं मिली।
किंतु फिर भी ट्रम्प और बाइडन शिविरों में जश्न को 5 नवंबर तक की लंबी यात्रा पूरी करने तक थोड़ा विराम देना क्योंकि यह कोई फाइनल नहीं है और न ही अंतिम नतीजा। पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प अभी इस बात जश्न नहीं मना सकते कि उन्होंने रिपब्लिकन नेशनल कमेटी या उस मामले में ग्रैंड ओल्ड पार्टी के भीतर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। उनकी अहम चिंता नरमपंथी, कॉलेज शिक्षित, उपनगरीय मतदाता और निर्दलीय हैं जिनकी हिस्सेदारी लगभग 30 प्रतिशत है। जाहिर तौर पर ट्रम्प का खेमा इस हिस्से को नजरअंदाज नहीं कर सकता।
दूसरी तरफ, राष्ट्रपति बाइडन की समस्या अधिक नहीं तो उतनी ही चुनौतीपूर्ण है। अमेरिकियों का एक अच्छा बहुमत और डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर ही उनकी उम्र और मानसिक तीक्ष्णता को लेकर कई अगर-मगर हैं। ऐसे में उन्हें फिर से टिकट मिलना सहज जान नहीं पड़ता। ऐसा लगता है कि बाइडन धीरे-धीरे प्रगतिवादियों और स्वतंत्र लोगों के बीच मूल्यवान समर्थन खो रहे हैं। इसका कुछ कारण गाजा में आपदा के साथ उनके सामने आने वाली तात्कालिक समस्या है, जिसे अप्रभावी विदेश नीति माना जाता है। जिन राज्यों में कांटे की टक्कर होनी है वही राज्य एक बार फिर 2024 के लिए महत्वपूर्ण होने का संकेत दे रहे हैं। हां इतना जरूर है कि कि सबसे बड़ी चुनावी जंग एक नए किंतु अंतिम चरण में प्रवेश कर गई है।
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