भारत के अयोध्या में 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए करीब 100 अंतरराष्ट्रीय मेहमानों को भी आमंत्रित किया गया है। विदेश में सबसे ज्यादा एक तिहाई आमंत्रण अमेरिका में लोगों को भेजे गए हैं।
राम मंदिर के उद्घाटन समारोह के लिए अमेरिका में इनवाइट किए गए लोगों में वह अमेरिकी डॉक्टर भी शामिल हैं, जिन्होंने 2014 की शुरुआत में नरेंद्र मोदी के लिए वीजा दिए जाने की पैरवी की थी।
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की अतिथि सूची में अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका सहित 53 देशों के अतिथि शामिल हैं। हांगकांग में पांच, दक्षिण कोरिया, मलेशिया व ब्रिटेन से तीन-तीन और जर्मनी व इटली से दो-दो लोगों को आमंत्रित किया गया है। बाकी देशों में एक-एक व्यक्तियों को आमंत्रण दिया गया है।
अमेरिका में आमंत्रित प्रमुख अतिथियों में डॉ. भरत बरई भी शामिल हैं, जिन्होंने 2014 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी के वीजा को मंजूरी के लिए अमेरिकी सरकार से पैरवी की थी। तब मोदी अमेरिकी सरकार द्वारा लगाए गए 10 साल के वीजा प्रतिबंध का सामना कर रहे थे।
भाजपा के प्रबल समर्थक डॉ. बरई अमेरिका में अपने आवास पर कई दिग्गजों की मेजबानी भी कर चुके हैं। उन्होंने इजराइल और भारत के बीच संबंधों को मजबूत करने पर भी काम किया है।
अमेरिका में डॉ. अभय अस्थाना को भी आमंत्रण दिया गया है, जो इंडियाना में नोकिया बेल लैब्स-सीटीओ के फेलो हैं और अमेरिका में विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष भी हैं।
ब्रिटेन में हिंदू स्वयंसेवक संघ के अध्यक्ष धीरज भाई शाह, जर्मनी के विहिप नेता रमेशभाई जैन, इटली के विट्ठल माहेश्वरी, ऑस्ट्रेलिया में विहिप अध्यक्ष सुब्रमण्यम राममूर्ति, कनाडा में रतन गर्ग को भी राम मंदिर उद्घाटन का न्योता दिया गया है।
इनके अलावा त्रिनिदाद एंड टोबैगो में चिन्मय मिशन के संस्थापक आचार्य स्वामी प्रकाशानंद, गुयाना में सरस्वती विद्या निकेतन के संस्थापक व प्रिंसिपल स्वामी अक्षरानंद, श्रीलंका के व्यवसायी सदाशिवम भी अतिथि सूची का हिस्सा हैं।
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