भारतीय-अमेरिकी डॉ. गीतिका श्रीवास्तव ‘व्हाइट हाउस कैंसर मूनशॉट प्रोग्राम’ के सहयोग से शुरू की गई अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) की उस पहल का नेतृत्व कर रही हैं, जिससे भारत में कैंसर से संबंधित क्लिनिकल ट्रायल तक पहुंच को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस पहल का नाम है ‘प्रोजेक्ट आशा’। FDA की ‘ऑनकोलॉजी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ (OCE) ने इस अहम प्रोजेक्ट के लिए डॉ. गीतिका श्रीवास्तव को चुना है।
यह परियोजना इस अर्थ में महत्वपूर्ण है कि भारत में वैश्विक आबादी का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा है, लेकिन ग्लोबल टेस्ट का केवल 1.5 प्रतिशत भारत में किया जाता है। यह महत्वाकांक्षी परियोजना जून 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक आधिकारिक राजकीय अमेरिका यात्रा का परिणाम है।
जून 2023 में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन और भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में कैंसर की समस्या को कम करने के लिए नई प्रतिबद्धताओं की घोषणा करके संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच मजबूत संबंधों की पुष्टि की। इसमें कैंसर की रोकथाम, बीमारी की जल्द पहचान और उपचार को आगे बढ़ाने के लिए यूएस-इंडिया कैंसर डायलॉग आयोजित करना शामिल है।
इस सहयोग का लक्ष्य द्विपक्षीय कैंसर सहयोग के लिए शॉर्ट और लॉन्ग टर्म अवसरों की पहचान करना है जो कैंसर रोगियों के लिए अधिक देखभाल और बेहतर परिणाम प्रदान करेंगे। डॉ. श्रीवास्तव FDA के कैंसर रोग विभाग-तीन में कार्यरत हैं और कैंसर रोग के इलाज में एक्सपर्ट हैं। एक रेगुलेटरी समीक्षक के रूप में वह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करती हैं। 2022 में FDA में शामिल होने से पहले डॉ. श्रीवास्तव ने मेमोरियल हॉस्पिटल, यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो में ऑन्कोलॉजी सेक्शन चीफ के रूप में काम किया है।
डॉ श्रीवास्तव ने नई दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में अपना प्रशिक्षण प्राप्त किया। फिर टेक्सास विश्वविद्यालय, ह्यूस्टन में महामारी विज्ञान की डिग्री के मास्टर हासिल किए और एमडी एंडरसन कैंसर सेंटर में स्नातक सहायक के रूप में काम किया। उन्होंने अर्कांसस विश्वविद्यालय, लिटिल रॉक में आंतरिक चिकित्सा में अपना रेजिडेंस ट्रेनिंग पूरा किया और मेयो क्लिनिक, रोचेस्टर, एमएन में हेमटोलॉजी-मेडिकल ऑन्कोलॉजी फैलोशिप पूरी की।
FDA ने कहा कि परियोजना आशा का उद्देश्य चर्चा/संवाद की एक श्रृंखला आयोजित करना है जिससे इंटरवेंशनल ऑन्कोलॉजी क्लिनिकल ट्रायल की वर्तमान उपलब्धता की रूपरेखा तैयार की जा सके। भारत में ऑन्कोलॉजी क्लिनिकल ट्रायल के लिए मौजूद बाधाओं की पहचान की जा सके।
‘प्रोजेक्ट आशा’ के तहत भारत में कैंसर से संबंधित क्लिनिकल ट्रायल के वर्तमान हाल को जानने, इससे जुड़े लोगों के साथ बातचीत करने एवं रेगुलेटरी संबंधी चुनौतियों के निपटने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे और ट्रायल में आने वाली बाधाओं की पहचान की जाएगी। यह क्लिनिकल ट्रायल तक पहुंच बढ़ाने और वैश्विक कैंसर देखभाल में सुधार के लिए मार्गदर्शन साझा करने के अवसरों पर भारतीय रेगुलेटरी अथॉरिटी के साथ-साथ भारत सरकार के साथ मिलकर काम करने की भी योजना बना रहा है।
इसके तात्कालिक लक्ष्यों में भारत में शोधकर्ताओं और चिकित्सकों को ट्रायल को लेकर प्रशिक्षण प्रदान करना और दवाओं के लिए जोखिम विश्लेषण का लाभ तय करने में मार्गदर्शन प्रदान करना शामिल है। प्रोजेक्ट आशा क्लिनिकल ट्रायल/रिसर्च ट्रेनिंग के क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करेगी, जो अमेरिका-भारत वार्ता के दौरान पहचानी गई प्रस्तावित प्राथमिकता है। यह सहयोगी अवसरों की पहचान करने की भी योजना बना रहा है जो अंतरराष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान और क्लिनिकल ट्रायल में अधिक समावेशी और न्यायसंगत भागीदारी को बढ़ावा देते हैं।
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