ब्रिटेन सरकार के नए नियम ने छात्र वीजा पर पढ़ाई के लिए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों की मुश्किलें बढ़ी दी हैं। यूके सरकार ने उस नियम को लागू कर दिया है, जिसके तहत ब्रिटिश विश्वविद्यालयों में पढ़ाई के लिए आने वाले विदेशी छात्रों के अपने परिजनों को देश में लाने पर रोक लगा दी गई है। हालांकि इस नियम से कुछ छात्रों को छूट भी दी गई है।
यूके के गृह मंत्रालय के अनुसार इस नियम का प्रस्ताव पहली बार पूर्व गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने पिछले साल मई में दिया था। इसका उद्देश्य यूके में काम करने के लिए छात्र वीजा का पिछले दरवाजे से इस्तेमाल करने वालों पर लगाम कसना है। अनुमान है कि नया नियम लागू होने से 140,000 विदेशी छात्र कम आएंगे।
इस नियम के तहत इस महीने से ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई शुरू करने वाले भारतीय समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय छात्र अब अपने परिवार के सदस्यों को साथ में नहीं ला पाएंगे। हालांकि इस नियम से उन छात्रों को छूट रहेगी जो यूके वीज़ा मानदंडों के तहत सरकार द्वारा वित्त पोषित छात्रवृत्ति ले रहे हैं या फिर स्नातकोत्तर अनुसंधान पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर रहे हैं।
यूके के मौजूदा गृह मंत्री जेम्स क्लेवरली ने एक बयान में कहा कि हमने आव्रजन प्रणाली में हेरफेर रोकने, अपनी सीमाओं को नियंत्रित करने और प्रवासन में कटौती के लिए एक कठिन योजना बनाई है, जो साल भर में लागू होगी।
उन्होंने आगे कहा कि उस योजना का एक बड़ा हिस्सा प्रभाव में आ गया है। इससे विदेशी छात्रों द्वारा अपने परिवार के सदस्यों को यूके लाने की अनुचित प्रथा समाप्त हो गई है। इससे हजारों की संख्या में प्रवासन में कमी आएगी और कम से कम 300,000 लोगों को ब्रिटेन में आने से रोकने मदद मिलेगी।
आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि ब्रिटेन में 2019 के बाद से छात्रों के आश्रितों में 930 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। यूके के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (ओएनएस) के अनुसार सितंबर 2023 को समाप्त हुए वर्ष में छात्रों के आश्रितों को 152,980 वीजा जारी किए गए थे, जो सितंबर 2019 को खत्म हुए वर्ष से 14,839 ज्यादा हैं।
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