(त्रिशांत्य)
अमेरिकी सरकार में भारतीय मूल के मंत्री रिचर्ड वर्मा ने भारत-अमेरिका साझेदारी में सुरक्षा सहयोग और तकनीकी प्रगति की अहमियत को रेखांकित करते हुए एक ब्लॉग लिखा है।
प्रबंधन एवं संसाधन मामलों के उप विदेश मंत्री रिचर्ड वर्मा ने राष्ट्रपति जो बाइडन के इस बयान का समर्थन किया कि दोनों देशों का यह गठबंधन 21वीं सदी को आकार देने में सबसे ज्यादा महत्व रखता है।
विदेश मंत्रालय में सर्वोच्च रैंकिंग वाले भारतीय-अमेरिकी रिचर्ड वर्मा ने दोनों देशों के आपसी संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि रक्षा, लोकतंत्र और प्रौद्योगिकी आपसी सहयोग के निर्णायक क्षेत्र हैं। उन्होंने सुरक्षा सहयोग मजबूत बनाने की अनिवार्यता पर जोर दिया और कहा कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में खतरों को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए सूचनाएं साझा करने और सामूहिक क्षमताएं बढ़ाने की आवश्यकता है।
रिचर्ड वर्मा ने कहा कि निरंकुश व सत्तावादी नेताओं और आंदोलनों के उभार के दौर में लोकतंत्र की रक्षा और उसे मजबूती देने के लिए हमारा काम और भी महत्वपूर्ण हो गया है। हमें वैश्विक नियम आधारित व्यवस्था बनाए रखनी होगी। यह सुनिश्चित करना होगा कि हम आय असमानता को दूर करें, गलत सूचनाओं से निपटें। लोकतांत्रिक सरकारों को नागरिकों की सेवा के लिए काम करते रहना होगा।
रिचर्ड वर्मा ने उभरती प्रौद्योगिकियों के फायदे और उससे जुड़े संभावित जोखिम पर भी बात की। उन्होंने साइबर खतरों को कम करने और डेटा की गोपनीयता बनाए रखने के लिए मिलजुलकर प्रयास करने पर जोर दिया। वर्मा ने कहा कि इस दिशा में अमेरिका और भारत के बीच डिजिटल कनेक्टिविटी और साइबर सुरक्षा साझेदारी एक महत्वपूर्ण कदम है।
इससे आर्थिक और भौतिक सुरक्षा कायम करने में काफी मदद मिल सकती है।
रिचर्ड वर्मा ने राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साझा भावना को भी जाहिर किया जिसमें वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए द्विपक्षीय संबंधों से परे जाकर भारत-अमेरिका साझेदारी की बात कही गई है। उन्होंने खाद्य असुरक्षा, महामारी और डिजिटल एकता जैसे मुद्दों को संबोधित करने में सहयोग पर प्रकाश डाला।
उन्होंने दोहराया कि दोनों देशों के बीच साझेदारी महत्वपूर्ण है, लेकिन वैश्विक मुद्दों में उनका सामूहिक योगदान कहीं अधिक महत्व रखता है। उन्होंने मानवीय सहायता, स्वास्थ्य सेवा और डिजिटल इनोवेशन जैसे क्षेत्रों में संयुक्त प्रयासों से वैश्विक मंच पर सार्थक परिवर्तन के लिए भारत-अमेरिका साझेदारी का लाभ उठाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
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