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रो खन्ना ने निकोल शानाहन से कहा, कैनेडी को सपोर्ट पर पुनर्विचार करें; उन्होंने दिया जवाब

रो खन्ना ने निकोल से कहा कि मुझे पता है कि आप हर मुद्दे पर राष्ट्रपति बाइडेन से सहमत नहीं हैं। मैं भी नहीं हूं।  इसके बावजूद मैं अभी भी मानता हूं कि जो बाइडेन राष्ट्रपति पद के लिए सबसे अच्छा विकल्प हैं।

निकोल शानाहन के नाम रो खन्ना ने ओपन लेटर लिखा है। / Image – X

भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने निकोल शानाहन से अमेरिका के आगामी चुनाव में राष्ट्रपति पद के स्वतंत्र उम्मीदवार रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर की रनिंग मेट बनने के अपने फैसले पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है।

सीबीएस न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, कैलिफोर्निया से डेमोक्रेट नेता खन्ना ने निकोल को आगाह किया है कि आरएफके का सपोर्ट करके वह एक तरह से डोनाल्ड ट्रम्प की व्हाइट हाउस में फिर से वापसी का समर्थन कर रही है। खन्ना ने निकोल को लिखे एक खुले पत्र में यह अपील की है।
 



खन्ना ने अपने लेटर में लिखा है कि मार्च के अंत की ताजा पोलिंग में ट्रम्प को 1 अंक की बढ़त दिखाई गई है जबकि आरएफके जूनियर, कॉर्नेल वेस्ट और जिल स्टीन बैलट पर हैं। खुद ट्रंप और उनकी टीम के अन्य सदस्यों ने भी माना है कि आरएफके जूनियर की उम्मीदवारी से उन्हें फिर से चुनाव जीतने में मदद मिलेगी।

रो खन्ना ने निकोल से कहा कि उन्हें जो बाइडेन कैंप में शामिल होना चाहिए क्योंकि जलवायु सुधारों के लिए राष्ट्रपति बाइडेन का फिर से चुना जाना जरूरी है। खन्ना ने आगे कहा कि मुझे पता है कि आप हर मुद्दे पर राष्ट्रपति बाइडेन से सहमत नहीं हैं। मैं भी नहीं हूं।  इसके बावजूद मैं अभी भी मानता हूं कि जो बाइडेन राष्ट्रपति पद के लिए सबसे अच्छा विकल्प हैं।
 



इसके जवाब में वकील और समाजसेवी निकोल ने कहा कि खन्ना का यह पत्र उनके साथ पहले हुई बातचीत से अलग है जिसमें उन्होंने टिकट के लिए मुझे बधाई दी थी और कहा था कि हर किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार है।

निकोल ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि साफ है, रो खन्ना ने पार्टी के दबाव में अपना रुख बदला है। मुझे उम्मीद है कि वह समझेंगे कि किसी को उस दौड़ से हटने के लिए कहना कितना अलोकतांत्रिक है जो अमेरिकी जनता को निर्णय लेने का अधिकार देता है। 

निकोल की पोस्ट का जवाब देते हुए खन्ना ने कहा कि उनका इरादा केवल यह था कि कैनेडी के कैंपेन के लिए निकोल का समर्थन क्लाइमेट एक्शन और गर्भपात अधिकारों के आदर्शों के खिलाफ है। निकोल को चुनाव लड़ने का पूरा अधिकार है। मेरा सिर्फ इतना कहना है कि आरएफके का समर्थन उन मुद्दों के खिलाफ है जिनकी वह परवाह करती हैं।
 

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