डिकिन यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर इयान मार्टिन ने कहा कि भारत के साथ साझेदारी यूनिवर्सिटी के विकास और सफलता की आधारशिलाओं में से एक है। चेन्नई में आयोजित 'भारत में प्रभाव के 30 साल' कार्यक्रम में बोलते हुए मार्टिन ने कहा, इस साल जब डीकिन विश्वविद्यालय अपनी 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए तैयार हो रहा है, तो ऐसे में महत्वपूर्ण है कि हम इस बात को स्वीकार करें कि हमारे अस्तित्व के अधिकांश समय के लिए हमारे पास भारत के साथ एक निकट मित्रता थी। यह मित्रता कमिटमेंट, एक्सिलेंस, ट्रस्ट और ट्रांसपेरेंसी पर आधारित है।
उन्होंने कहा कि हम वर्षों से शिक्षा और अनुसंधान विकास के मामले में भारत के साथ संबंधों का स्वागत करते हैं, जो समय के साथ और मजबूत हुए हैं। विश्वविद्यालय 1994 में भारत में अपनी उपस्थिति दर्ज करने वाला पहला अंतरराष्ट्रीय संस्थान था। विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा कि तीन दशकों से अधिक के समय से डीकिन का प्रगतिशील दृष्टिकोण एक बहुआयामी साझेदारी में भारत के साथ जुड़ाव से विकसित हुआ है।
कैथरीन गैलगर, ऑस्ट्रेड, दक्षिण एशिया और व्यापार मंत्री, ऑस्ट्रेलियाई उच्च आयोग, नई दिल्ली ने कहा कि 1994 से एक चीज नहीं बदली है, वह यह है कि डीकिन शिक्षा के इनोवेशन में हमेशा आगे रहा है और भारत के साथ हमारी यह नजरिया आज भी कायम है। चेन्नई में ऑस्ट्रेलियाई महावाणिज्य दूत सारा किर्लेव ने कहा कि भारत में डीकिन की मौजूदगी अभूतपूर्व है।
यूनिवर्सिटी के उपाध्यक्ष (वैश्विक गठबंधन) और सीईओ (दक्षिण एशिया) रवनीत पावहा ने भारत में डीकिन के ऑपरेशन को स्थापित और नेतृत्व करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यूनिवर्सिटी ने पिछले महीने चेन्नई में एक समारोह का आयोजन किया था। अपनी 30 वर्षीय उपलब्धि का जश्न मनाने के लिए अपनी साल भर की योजनाओं को पेश करते हुए यह समारोह का आयोजन किया गया था।
डीकिन यूनिवर्सिटी को दुनिया के शीर्ष 1 प्रतिशत यूनिवर्सिटी में से एक माना जाता है। यूनिवर्सिटी इस साल भारत के गुजरात स्थित गिफ्ट सिटी में कैंपस खोलने के लिए तैयार है। मास्टर इन बिजनेस एनालिटिक्स और साइबर सुरक्षा में मास्टर (पेशेवर) के लिए आवेदन के लिए पिछले महीने घोषणा की गई थी। संभावित उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग शुरू कर दी गई है। बताया गया है कि डीकिन यूनिवर्सिटी का गिफ्ट सिटी कैंपस तेजी से आगे बढ़ने वाली डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए स्नातकोत्तर छात्रों को तैयार करने के लिए प्रौद्योगिकी और व्यवसाय में क्षमता निर्माण पर केंद्रित है।
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