बॉलिवुड के दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को साल 2022 के लिए भारतीय सिनेमा के सबसे उल्लेखनीय पुरस्कार दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। प्रदान किया जाएगा। केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारतीय सिनेमा के क्षेत्र में मिथुन दा के उल्लेखनीय योगदान के सम्मान में इस पुरस्कार की घोषणा की।
मिथुन दा के नाम से चर्चित मिथुन चक्रवर्ती एक प्रतिष्ठित भारतीय अभिनेता, निर्माता और राजनेता हैं जो अपनी बहुमुखी भूमिकाओं और खास डांसिंग स्टाइल के लिए मशहूर हैं। उन्होंने फिल्मों में कई तरह की भूमिकाएं निभाई हैं, जिसमें एक्शन से भरपूर किरदारों से लेकर मार्मिक नाटकीय भूमिकाएं तक शामिल हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि एक मामूली शुरुआत करने वाले युवा से लेकर एक मशहूर फिल्म अभिनेता बनने तक की मिथुन चक्रवर्ती की यात्रा, आशा और दृढ़ता की भावना का प्रतीक है, जो साबित करती है कि जुनून और समर्पण से कोई भी अपने सबसे महत्वाकांक्षी सपने को साकार कर सकता है। मिथुन दा के समर्पण और कड़ी मेहनत ने उन्हें उभरते अभिनेताओं एवं कलाकारों के लिए आदर्श बना दिया है।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी मिथुन चक्रवर्ती को प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि मिथुन दा एक सांस्कृतिक प्रतिभा के प्रतीक हैं और उन्हें अपने बहुमुखी अभिनय के लिए पीढ़ियों से सराहा जाता रहा है।
Delighted that Shri Mithun Chakraborty Ji has been conferred the prestigious Dadasaheb Phalke Award, recognizing his unparalleled contributions to Indian cinema. He is a cultural icon, admired across generations for his versatile performances. Congratulations and best wishes to… https://t.co/aFpL2qMKlo
— Narendra Modi (@narendramodi) September 30, 2024
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अनुसार, मिथुन चक्रवर्ती का जन्म 16 जून 1950 को भारत में पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हुआ था। उनका बचपन का नाम गौरांग चक्रवर्ती था। उन्होंने 1976 में आई अपनी पहली ही फिल्म "मृगया" के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार हासिल किया। प्रतिष्ठित भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के छात्र रहे मिथुन ने अपनी कला को निखारते हुए सिनेमा में अपने शानदार करियर की नींव रखी।
मृणाल सेन की फिल्म में एक संथाल विद्रोही की भूमिका ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा दिलाई। मिथुन ने 1980 के दशक में “डिस्को डांसर” (1982) के रूप में अपार लोकप्रियता हासिल की। इस फिल्म ने भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असाधारण सफलता हासिल की और मिथुन को एक बेहतरीन डांस अभिनेता के रूप में स्थापित किया। डिस्को डांसर (1982) की वजह से मिथुन हर घर में एक जाना-पहचाना नाम बन गए।
अग्निपथ में उनके प्रदर्शन ने उन्हें 1990 में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार दिलाया। बाद में ताहादेर कथा (1992) और स्वामी विवेकानंद (1998) में अपनी भूमिकाओं के लिए उन्हें दो और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिले। इसके अलावा भी उन्होंने कई पुरस्कार जीते हैं। अपने लंबे करियर में मिथुन ने हिंदी, बंगाली, उड़िया, भोजपुरी और तेलुगु सहित विभिन्न भारतीय भाषाओं में 350 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है।
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने इस बात पर बल दिया कि मिथुन दा को न केवल उनकी सिनेमाई उपलब्धियों के लिए बल्कि सामाजिक कार्यों के प्रति उनके समर्पण के लिए भी पहचाना जाता है। मिथुन दा शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और वंचित समुदायों का सहयोग करने के उद्देश्य से विभिन्न धर्मार्थ कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं। उन्होंने सार्वजनिक सेवा और शासन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए संसद सदस्य के रूप में भी कार्य किया है।
मिथुन चक्रवर्ती को लगभग पांच दशकों के करियर में भारतीय सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान के लिए कई पुरस्कार और प्रशंसाएं मिलीं। उन्हें प्रतिष्ठित पद्म भूषण पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। अब मिथुन दा को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार 8 अक्टूबर 2024 को 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह के दौरान प्रदान किया जाएगा।
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