ADVERTISEMENTs

न्यूयॉर्क कॉन्सुलेट ने किया आगाह, ज्यादा फीस वसूलने वाले ट्रैवल एजेंटों के झांसे में न आएं

एडवाइजरी में कहा गया है कि कुछ एजेंट वाणिज्य दूतावास द्वारा निर्धारित शुल्क से काफी अधिक फीस ले रहे हैं और तुरंत काम करवाने के झूठे वादे भी कर रहे हैं, इनसे सतर्क रहें।

न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूत बिनय श्रीकांत प्रधान। / X @IndiainNewYork

न्यूयार्क स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने एडवाइजरी जारी करके लोगों को ऐसी घटनाओं के बारे में सचेत किया है, जिनमें ट्रैवल एजेंट काउंसलेट संबंधी सेवाओं में मदद के नाम पर आवेदकों से अधिक शुल्क वसूल रहे हैं।

एडवाइजरी में कहा गया है कि कुछ एजेंट वाणिज्य दूतावास द्वारा निर्धारित शुल्क से काफी अधिक फीस ले रहे हैं और तुरंत काम करवाने के झूठे वादे भी कर रहे हैं। एडवाइजरी में भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट की तरह ही फर्जी ई-वीजा वेबसाइटों के बारे में भी आगाह किया गया है।  



वाणिज्य दूतावास ने बताया कि उन्हें आवेदकों की जानकारी के बिना उनके पहचान, आवासीय पते और यूटिलिटी बिल संबंधी फर्जी दस्तावेजों के एजेंटों द्वारा इस्तेमाल का भी पता चला है। इसकी वजह से न सिर्फ सेवाओं में देरी होती है बल्कि यह नियमों के भी खिलाफ है। इसकी वजह से आवेदकों को अमेरिका में कानूनी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

वाणिज्य दूतावास ने जोर देकर कहा है कि क्यूसी, वीजा, पासपोर्ट और आपातकालीन प्रमाणपत्र सहित अन्य कांसुलर सेवाओं के लिए फीस की डिटेल्स उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर स्पष्ट रूप से दर्शाई गई है। वाणिज्य दूतावास या वीएफएस की तरफ से उसके अलावा कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता है।

आवेदकों की मदद के लिए वाणिज्य दूतावास हर महीने के पहले बुधवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक और तीसरे बुधवार को दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक ओपन हाउस का आयोजन करता है। इस दौरान लोग अपनी कांसुलर सेवा संबंधी सवालों को लेकर बिना अपॉइंटमेंट के कांसुलर अधिकारियों से मिल सकते हैं।

आवेदकों से कहा गया है कि वे दूतावास संबंधी सेवाओं, गैर भारतीय पासपोर्ट धारकों के पीसीसी और आपातकालीन यात्रा दस्तावेजों के लिए वाणिज्य दूतावास की आधिकारिक वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें।

न्यूयार्क स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने सभी आवेदकों को काउंसलेट सेवाओं के लिए उचित माध्यमों का ही उपयोग करने और पूरी प्रक्रिया के दौरान सावधानी बरतने की सलाह दी है ताकि बेवजह की जटिलताओं से बचा जा सके और भारतीय एवं अमरीकी कानूनों का उल्लंघन न हो। 

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

Related