अमेरिका में रहने वाले भारतीय प्रवासियों के लिए कांसुलर सेवाओं में सुधार के उद्देश्य से न्यूयॉर्क स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने कई कदम उठाए हैं। महावाणिज्य दूत बिनय श्रीकांत ने हाल ही में एक प्रेस वार्ता में इनके बारे में जानकारी दी और अमेरिका में रहने वाले भारतीय नागरिकों की चिंताओं को दूर करने के लिए किए गए प्रयासों के बारे में भी बताया।
श्रीकांत ने डिजिटल इनोवेशन के लिए वाणिज्य दूतावास की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि कांसुलर सेवाओं का लाभ उठाने की प्रक्रिया को आसान व कारगर बनाने के लिए कई टूल डिज़ाइन किए गए हैं। इनमें डिजिटल असिस्टेंस प्लेटफॉर्म 'प्रमित', भारती चैटबॉट और एक मोबाइल ऐप शामिल हैं। ये टूल्स कांसुलर सेवाओं को अधिक से अधिक यूजर फ्रेंडली और कुशल बनाने के व्यापक मिशन का हिस्सा हैं।
उन्होंने कांसुलर सेवाओं के नाम पर धोखाधड़ी से भी सतर्क रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि समुदाय के लोगों को ऐसे बेईमान एजेंटों से बचना चाहिए जो आवेदकों से अनाप शनाप रकम वसूलते हैं और दस्तावेजों में धोखाधड़ी करते हैं। श्रीकांत ने फर्जी वेबसाइटों की बढ़ती संख्या को लेकर भी चेतावनी दी जो आधिकारिक कांसुलर सेवाएं मुहैया कराने का झूठा दावा करती हैं।
महावाणिज्य दूत ने समुदाय की बेहतर तरीके से सेवा के लिए पूरे साल 365 दिन इमरजेंसी सर्विस शुरू की गई है। इसके अलावा विभिन्न शहरों में समय समय पर कांसुलर शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए वकीलों के पैनल वाला एक विशेष पोर्टल शुरू किया गया है। इसके अलावा साप्ताहिक ओपन हाउस की व्यवस्था भी शुरू की गई है, जहां लोग पहले से अपॉइंटमेंट के बिना कांसुलर अधिकारियों से मिल सकते हैं।
अमेरिका में भारतीय छात्रों की जरूरतों को देखते हुए शुरू की गई कई पहलों के बारे में भी महावाणिज्य दूत ने बताया। उन्होंने कहा कि एक इंटर्नशिप पोर्टल शुरू किया गया है। डॉक्टरों और वकीलों का एक पैनल भी बनाया गया है, जिनसे जरूरत पड़ने पर सलाह ली जा सकती है। इसके अलावा छात्रों की समस्याओं को दूर करने के लिए कांसुलर शिक्षा अधिकारियों के सहयोग से एक ओपन हाउस भी स्थापित किया गया है।
@IndiainNewYork hosted a press interaction on Consular Services.
— India in New York (@IndiainNewYork) August 8, 2024
Highlights of consular services:
- Digital initiatives for ease of availing services and digital assistance tools like Pramit, Bharti Chatbot, and mobile app
- creating awareness about not to use services of… pic.twitter.com/Gxcs3pztBF
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