भारतीय-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को एक पत्र लिखकर बांग्लादेश में बढ़ती हिंदू विरोधी हिंसा के बारे में चिंता व्यक्त की। उन्होंने बांग्लादेशी हिंदू समुदायों पर हमलों में तेजी के जवाब में तुरंत अमेरिकी हस्तक्षेप का आह्वान किया है। प्रतिनिधि कृष्णमूर्ति ने स्थिति के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की। प्रमुख समाचार आउटलेट्स और मानवाधिकार संगठनों की रिपोर्टों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हिंसा कई जिलों में फैल गई है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में धार्मिक हिंसा का दौर शुरू हो गया। वहां अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है।
रॉयटर्स और बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद (BHBCUC) के आंकड़ों के मुताबिक, हाल के दिनों में बांग्लादेश के 64 में से 45 जिलों में हिंदू घरों, व्यवसायों और मंदिरों पर हमले हुए हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया है कि हिंसा में 60 लोग मारे गए हैं, जबकि सैकड़ों लोग सुरक्षा के लिए भारत भाग गए हैं।
अपने पत्र में कृष्णमूर्ति ने सचिव ब्लिंकन से यूनुस की सरकार के साथ सीधे तौर पर बातचीत करने का आग्रह किया जिससे हिंसा को खत्म किया जा सके और अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जा सके। राजा कृष्णमूर्ति ने लिखा, 'धार्मिक असहिष्णुता और हिंसा से भड़की इस क्षेत्र में अस्थिरता स्पष्ट रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका या हमारे सहयोगियों के हित में नहीं है।' उन्होंने तेजी से और निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया।
यह बांग्लादेश में हिंदू विरोधी हिंसा का पहला मामला नहीं है। पत्र में पिछली घटनाओं की जानकारी दी गई है। इनमें अक्टूबर 2021 के दंगे शामिल हैं, जिसके परिणामस्वरूप नौ लोगों की मौत हुई और संपत्ति का व्यापक विनाश हुआ था। 2017 की हिंसा जिसमें 107 हिंदू मारे गए और 37 लापता हो गए। युद्ध अपराधों के लिए जमात-ए-इस्लामी नेता दिलवार सैय्यद की सजा के बाद 2013 में हुए दंगे को भी हिंदू विरोधी हिंसा की एक विशेष रूप से विनाशकारी अवधि के रूप में उल्लेख किया गया है। हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने एक्स पर एक पोस्ट में कृष्णमूर्ति के पत्र को साझा करते हुए अपनी चिंताओं का इजहार किया है।
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